दिल्ली दंगा 2020..दंगों में आरोपी और हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल मर्डर केस के आरोपी वसीम को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने सोमवार, 3 अक्टूबर को यूपी के अलीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी वसीम पिछले दो साल से फरार था। इसके अलावा वह हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या से जुड़े एक मामले में उसे भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था। दिल्ली पुलिस ने वसीम को एक फोन कॉल के जरिए ट्रैक किया, जो कि उसने अपने पड़ोसी को किया था।
दिल्ली दंगों के दो साल बाद पकड़े गए आरोपी वसीम को दबोचने के लिए पुलिस कई सारी प्रक्रियाओं से गुजरी। इन्हीं में से एक हिस्सा था, जिसमें आरोपी ने अपने पड़ोसी को फोन कर कहा कि “मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि मेरा घर ठीक है या नहीं? पुलिस ने उसका घर गिराया तो नहीं। वसीम ने यह भी पूछा कि क्या उसका घर किसी और के कब्जे में तो नहीं है।
आरोपी वसीम की इसी कॉल को ट्रैक कर पुलिस ने पता लगाया कि वह अलीगढ़ में नाम बदलकर रहा रहा है और एक फैक्ट्री में काम कर गुजारा कर रहा है। पुलिस को यह भी पता चला कि वसीम अलीगढ़ से पहले यूपी के अलग-अलग हिस्सों में भी रह चुका था। पुलिस ने कहा कि आरोपी मोहम्मद वसीम दो बच्चों का पिता है लेकिन फरारी के दौरान उसने अपने परिवार से संपर्क नहीं किया। वही, उसका परिवार भी दिल्ली के दयालपुर इलाके में अपने घर को छोड़कर भाग गया था।
पुलिस ने कहा कि वसीम पर कथित तौर पर देसी बम बनाने और बनाने और दंगों के दौरान पुलिस पर और अन्य हथियारों से हमला करने का आरोप है। पुलिस ने दंगा करने और हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के आरोप में 22 लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन वसीम और उसके चार साथी उस समय भाग निकले थे। इन सभी ने अपने फोन तोड़ दिए थे, जिसे वह इस्तेमाल में ला रहे थे। पूछताछ के दौरान, पुलिस ने पाया कि वसीम कथित तौर पर चांद बाग और अन्य जगहों में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ था, जहां वह “असामाजिक तत्वों” से मिला था।
आरोपी वसीम की गिरफ्तारी पर स्पेशल सीपी (क्राइम/ईओडब्ल्यू) सीपी यादव ने कहा कि वसीम ने कथित तौर पर लाल और अन्य पुलिसकर्मियों पर पत्थरों और हथियारों से हमला किया था। उन्होंने आगे बताया कि घटना के दिन, वसीम और उसके सहयोगियों उन सभी वारदातों में शामिल थे, जिसके सबूत हमारे पास मौजूद हैं।