उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता बंधु एक बार फिर से चर्चा में है। दरअसल, संयुक्त अरब अमीरात में कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने जानकारी दी कि उन्होंने गुप्ता परिवार के सदस्यों राजेश और अतुल गुप्ता को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते गिरफ्तार किया है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका के न्याय मंत्रालय ने 6 जून को जारी एक बयान में घोषणा की कि सरकार दोनों के प्रत्यर्पण की कोशिश में है।
स्टेट कैप्चरिंग का आरोप: कभी दक्षिण अफ्रीका में कारोबार से राजनीति तक में धाक जमा कर रखने वाले गुप्ता बंधुओं ने अपार संपत्ति बनाई। माना जाता था कि असल में जैकब जुमा के कार्यकाल में दक्षिण अफ्रीका की सरकार वही चला रहे थे। हालांकि, गुप्ता परिवार के सदस्य राजेश और अतुल गुप्ता पर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ मिलकर कम से कम 2.5 ट्रिलियन भारतीय रुपये चोरी करने का आरोप है। इसके अलावा, गुप्ता बंधुओं पर ‘स्टेट कैप्चरिंग’ का भी आरोप है।
क्या है स्टेट कैप्चरिंग का मतलब: स्टेट कैप्चरिंग के मायने यह हैं कि गुप्ता बंधुओं ने अपने हितों को साधने के लिए भ्रष्टाचार का सहारा लिया और सरकार के लिए गए फैसलों को भी मनमाने ढंग से प्रभावित किया। माना जाता है कि दक्षिण अफ्रीका में जैकब जुमा की सरकार के समय दक्षिण अफ्रीकी वित्त मंत्रालय, प्राकृतिक संसाधनों और सार्वजनिक उद्यम समेत कई मंत्रालयों में गुप्ता बंधुओं का प्रभाव था और उन्हीं के इशारों पर निर्णय लिए जाते थे।
पूर्व राष्ट्रपति के बेहद करीबी: गुप्ता बंधुओं की जैकब जुमा से इतनी नजदीकी थी कि दक्षिण अफ्रीका के विपक्षी दल उन्हें ‘जुप्टा’ कहकर बुलाते थे। यहीं नहीं, गुप्ता बंधुओं ने अपनी कंपनी सहारा कम्प्यूटर्स में जैकब जुमा के बेटे दुदुजाने जुमा, तीसरी पत्नी बोंगी नग्मा और उनकी एक बेटी को निदेशक के रूप में नियुक्त किया था। गुप्ता बंधुओं पर कई बार आरोप लगे थे कि सरकार में उनका ऐसा दखल था कि वही तय करते थे कि कैबिनेट में कौन होगा और कौन नहीं।
जब चली गई राष्ट्रपति की कुर्सी: गुप्ता बंधुओं के गर्दिश के दौर की शुरुआत तब शुरू हुई जब उन्होंने 2013 में एक शादी समारोह में अपने मेहमानों से भरा हवाई जहाज प्रिटोरिया के पास सैन्य हवाई अड्डे पर उतरवा दिया। दरअसल, यह हवाई अड्डा केवल राज्य के प्रमुखों और गणमान्य व्यक्तियों के लिए आरक्षित है। इस शादी से जुड़ा भी एक मामला है जिसमें आरोप है कि शादी समारोह का भुगतान सरकार द्वारा वित्त पोषित डेयरी फार्म के बजट से किया गया था। यह बजट सरकार गरीब अश्वेत किसानों को सशक्त बनाने के लिए जारी करती थी। फिर जब साल 2016 में एक मंत्री ने आरोप लगाया कि गुप्ता बंधुओं ने उन्हें उच्च पद दिलाने का वादा किया है, तभी से दक्षिण अफ्रीका में भारी विरोध शुरू हो गया; जिसके चलते जैकब जुमा को अपने पद से हाथ धोना पड़ा।
गुप्ता बंधुओं ने कैसे की चोरी: दक्षिण अफ्रीकी और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स की रिपोर्ट बताती है कि गुप्ता बंधुओं ने अपने व्यवसायों के माध्यम से दक्षिण अफ्रीका से 7 बिलियन डॉलर से अधिक की चोरी की। उन्होंने खदानें खरीदीं, कई प्रमुख दक्षिण अफ्रीकी कंपनियों में भारी निवेश किया। पैसे का उलटफेर सामने न आए इसलिए साल 2010 में जैकब जुमा के साथ मिलकर देश की तीनों खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों को निकाल दिया और उनकी जगह अपने वफादार लोगों को पदों पर नियुक्त किया था।
कौन हैं गुप्ता बंधु: मूल रूप से भारत के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता बंधुओं ने 1990 के दशक की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में जूते की दुकान खोली थी। फिर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में सहारा कंप्यूटर्स कंपनी की शुरुआत की और जल्द ही आईटी, मीडिया और खनन कंपनियों को शामिल करने के लिए विस्तार किया, हालांकि अधिकांश अब बिक चुके हैं या बंद हो गए हैं। फिर कई सालों बाद 2018 में गुप्ता बंधु दुबई भाग गए थे, तब भी जानकारी सामने आई थी कि उन्होंने देश छोड़ने से पहले कई संस्थानों से लगभग 15 अरब रैंड लूटे थे।