देश भर में लोग मां को अनेक नामों से पुकारते हैं, कोई माता जी, कोई अम्मा तो कोई मम्मी बुलाता है। दिल्ली में भी एक मां हुई जिसने अपने आठ बेटों के दम पर अपराध का साम्राज्य खड़ा किया। इसे दिल्ली में संगम विहार इलाके में बसीरन ‘मम्मी’ के नाम से जाना गया। बसीरन का खौफ ऐसा कि किसी के मुंह से उसके खिलाफ एक शब्द नहीं निकलता था। आखिर निकले भी कैसे क्योंकि बसीरन के परिवार पर 113 आपराधिक मामले दर्ज रहे।
बसीरन उर्फ मम्मी मूलतः आगरा की रहने वाली थी लेकिन जब शादी हुई तो 80 के दशक में दिल्ली आ गई। पति ने कुछ काम किया फिर नौकरी छोड़ दी अब पेट की चिंता बसीरन के सामने थी। उन दिनों गोविंदपुरी में रहने वाली बसीरन ने अवैध शराब का धंधा शुरू किया। एक महिला का अचानक से इस गैरकानूनी कारोबार में उतरना अजीब था लेकिन घर चलाने की मजबूरी थी।
साल बीते तो अवैध शराब के धंधे में बसीरन का रुतबा भी बढ़ा। लंबी कद-काठी और दबंग स्वभाव की महिला ने धाक जमा ली। धीरे-धीरे पुलिस महकमें में बसीरन की पहुंच बन गई, इसके अलावा छोटे अपराधियों को संरक्षण देना उसका शगल बन गया। दिल्ली-एनसीआर के इलाके सहित बाहरी राज्यों में अपराध को अंजाम देने वाले बदमाश अब बसीरन की शरण में रहने लगे।
अपराधियों का बड़ा नेटवर्क और खुद का अवैध शराब का धंधा फल-फूल रहा था। 90 का दशक आते-आते बसीरन उर्फ मम्मी का राज हो गया और जब उसके बच्चे बड़े हुए तो वह सेनापति बन गई। इसी बीच उसने इलाके के बच्चों को नशे की लत लगाकर अपराध के रास्ते पर धकेलने लगी। खुद कि सुरक्षा के लिए आठ बच्चों की पूरी सुरक्षा प्रणाली घर में ही थी।
पुलिस के मुताबिक, 2000 के बाद शराब माफिया बनी बसीरन के निशाने पर 8 से 12 साल के बच्चे होते थे जिन्हें नशे की आदत दी जाती थी। कुछ समय बाद यही बच्चे बड़े होते तो बसीरन ही उन्हें हथियार उपलब्ध कराती और जुर्म में सहयोग देती थी। कुछ सालों बाद बसीरन ने संगम विहार इलाके को अपना ठिकाना बनाया और पूरा नेटवर्क चलाने लगी। बसीरन के कारण लोग इस इलाके को संकट विहार कहने लगे थे।
इसके बाद बीच के सालों में बसीरन ने इलाके के सरकारी नलों की पाइप को अपने कब्जे में ले लिया। फिर घंटे के हिसाब से पैसे लेकर लोगों को पानी बांटने लगी। उस समय कहा गया कि शराब माफिया अब पानी माफिया भी हो गई है। बसीरन और उसके परिवार के सदस्यों पर हत्या, अवैध शराब, वसूली, फिरौती, सट्टेबाजी जैसे कई संगीन जुर्मों के 113 मामले दर्ज हैं।
साल 2015 के बाद दिल्ली पुलिस ने बसीरन पर शिकंजा कसना शुरू किया। इसके दो साल बाद उसका नाम हत्या में सामने आया तो वह फरार हो गई। कुछ समय तक गायब रहने के बाद उसे साल 2018 में संगम विहार से ही गिरफ्तार कर लिया गया था।