दुनिया में कई सारे सीरियल किलर हुए लेकिन जर्मनी के नील्स होएगेल ने खुद को हीरो बनाने के लिए सीरियल किलिंग की। नील्स, पेशे से नर्स था जिसे 85 हत्याओं के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई। हीरो बनाने के चक्कर से मतलब था कि उसने कई मरीजों को ऐसी दवाइयां दी, जिनसे उनकी हालत खराब हो गई। फिर उन्हें दोबारा से जिंदा करने के लिए कई इंजेक्शन देता था, जिसमें कभी-कभी मरीजों की जान बच जाती थी।
ऐसे में नील्स खुद को रैम्बो की तरह डॉक्टर्स और मरीज के परिजनों के सामने पेश करता। हालांकि, इंसानों पर उसके ऐसे घातक कदम अधिकतर असफल रहे और सैकड़ों लोग काल के गाल में समा गए। कई सालों तक चली ऐसी सीरियल किलिंग के चलते 100 से ज्यादा लोग उसके शिकार बने। अंत में सीरियल किलर नील्स होएगेल 85 लोगों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
तत्कालीन न्यायाधीश ने दोषी नील्स से कहा कि, “उसका जुर्म अकल्पनीय है। एक आम इंसान का दिमाग इस तरह के अपराध को करने की बात नहीं सोच सकता। जज ने आगे कहा था कि उसे देखकर ऐसे लगता है कि जैसे वह मौतों का अकाउंटेंट हो। नील्स होएगेल पर जून, 1999 से 2005 के बीच 100 मरीजों की मौत का आरोप लगा। नील्स का निशाना बने लोग अलग-अलग उम्र के मरीज थे।
साल 2005 में नील्स की पोल तब खुली जब उसे डेलमेनहोर्स्ट के अस्पताल में एक अन्य नर्स ने मरीज की सिरिंज को बदलते देख लिया था। लेकिन हैरानी भरी बात यह थी कि अस्पताल ने उसे अच्छा कर्मचारी बताकर नौकरी से निकाल दिया था। फिर उसने दूसरे अस्पताल में नौकरी करते हुए 60 से ज्यादा मरीजों की हत्या की थी। शुरुआत में उस पर चार हत्याओं का केस चला लेकिन बाद में यह आंकड़ा सौ के पार चला गया।
इन हत्याओं के समय नील्स होएगेल जर्मनी के लोअर सैक्सॉनी प्रांत के मेडिकल सेंटर में काम करता था। नील्स ने वहीं इन लोगों की हत्याओं को अंजाम दिया था और इस बात को कोर्ट में कबूल भी किया था। फिर साल 2015 में ऑल्डनबर्ग की अदालत ने नील्स को बिना पैरोल वाली आजीवन कारावास की सजा दी थी। नील्स ने केस में फैसले के बाद सभी पीड़ितों के परिजनों से माफी मांगी थी।