पंजाब के कई सारे गैंगस्टर्स में एक नाम जसविंदर सिंह रॉकी का भी था। साल 1994 में शुरू हुआ रॉकी के अपराध का यह दौर मौत से कुछ दिनों पहले थम गया था। लेकिन जुर्म की दुनिया में बने दुश्मनों ने फाजिल्का के नेता व गैंगस्टर जसविंदर सिंह रॉकी को साल 2016 में हिमाचल के परवाणू में मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना में रॉकी के दोस्त परमपाल पाला को भी गोली लगी थी।
पंजाब के फाजिल्का में साल 1971 में पैदा हुए जसविंदर सिंह रॉकी का 90 के दशक के बाद दबदबा बन रहा था। उस समय पंजाब में भी अपराध का स्तर भी बढ़ चुका था। बताते हैं कि रॉकी की मुलाकात इसी बीच यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी से हुई और उसी की दिखाई राह पर रॉकी आगे बढ़ गया। साल 1994 आते-आते कई मामलों में रॉकी का नाम सामने आया था। लेकिन 1997 में इलाहाबाद के व्यापारी नंद किशोर रूंगुटा की किडनैपिंग और मर्डर केस ने सभी को हैरान कर दिया।
साल 1997 में व्यापारी हत्या से जुड़े मामले में रॉकी पर केस तो दर्ज हुआ ही बल्कि अंसारी के साथ सीबीआई ट्रायल भी हुआ, लेकिन केस में गवाहों के मुकरते ही दोनों छूट गए। इसके बाद 1998 में बैंगलोर के कारोबारी निर्मल कुमार जयपुरिया के अपहरण मामले में भी रॉकी का नाम सामने आया। इस मामले में छूटने के बाद 2002 में वह पंजाब लौटा तो यहां उसका साथी प्रभजिंदर सिंह डिंपा अपना गैंग चला रहा था।
जसविंदर के पंजाब लौटने के बाद दोनों में अदावत छिड़ी तो साल 2006 में प्रभजिंदर की हत्या कर दी गई। इस मामलें में उसका नाम तो आया, लेकिन सबूतों के भाव में वह बरी हो गया। साल 2007 से 2012 तक रॉकी के ऊपर हत्या और अपहरण के 8 केस दर्ज हुए। साल 2012 में ही वह पंजाब के भाजपा नेता सुरजीत ज्याणी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ गया, जिसमें उसे 39 हजार वोट मिले थे पर वह हार गया।
राजनीति में उतरने की पहली बाजी में वह मात खा गया लेकिन उसका नाम बड़ा हो गया था। इसके बाद जसविंदर फिर से अपने काम पर लग गया और 2015 में एक बार फिर पंजाब और राजस्थान के आपराधिक मामलों में 4 केस दर्ज हुए। रॉकी पर 1994 से लेकर 2016 तक हत्या, हत्या की साजिश, अपहरण जैसे अन्य संगीन जुर्मों में 22 मामले दर्ज थे। खास बात यह कि रॉकी को पंजाब पुलिस की तरफ से सुरक्षा में 4 पुलिसकर्मी दिए गए थे।
30 अप्रैल 2016 को जसविंदर सिंह रॉकी अपने दोस्त परमपाल पाला व दो सुरक्षाकर्मियों के साथ हिमाचल प्रदेश के सोलन से चंडीगढ़ आ रहा था। सुबह 10 बजे के करीब रॉकी की गाड़ी जैसे ही परवाणू के टीटीआर होटल के पास पहुंची, वैसे कुछ रोड किनारे खड़े दो अज्ञात हमलावरों ने रॉकी की गाड़ी पर गोलियों की बौछार कर दी और फरार हो गए। घायल परमपाल पाला जब तक कार चलाकर अस्पताल पहुंचता जसविंदर रॉकी की मौत हो गई।
जसविंदर की मौत के कुछ समय बाद उसके विरोधी गुट के अलग-अलग गैंगस्टर्स ने सोशल मीडिया पर जसविंदर की कार की फोटो डालते हुए लिखा था कि उनका बदला पूरा हो गया। इस पोस्ट में खास बात यह थी कि जिन-जिन अकाउंट से ऐसी बातें लिखी गई थी, उनमें से अधिकतर अपराधी जेल में थे।