क्या है पूरा मामला: पिछले रविवार को ओपन सोर्स के माध्यम से एक मोबाइल एप ‘सुल्ली डील’ बनाया गया, जहां सोशल मीडिया से उठाई गई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया था। बताते चलें कि सुल्ली मुस्लिम महिलाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले अपमानजनक शब्द माना जाता है। इस ऐप में 80 से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें, उनके नाम और ट्विटर हैंडल की जानकारी साझा की गई, साथ ही शीर्षक दिया गया, ‘फाइंड योर सुल्ली’. जिस पर क्लिक करने के साथ ही महिला की तस्वीर, नाम और हैंडल की जानकारी यूजर के साथ साझा की जा रही थी।
इस एप को होस्टिंग प्लेटफॉर्म गिटहब पर बनाया गया था, जिसे सोमवार को हटा दिया गया। मामले पर गिटहब की सफाई भी सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गिटहब ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि गिटहब की पॉलिसी प्रताड़ना, भेदभाव और हिंसा के खिलाफ है।
इस एप पर जिन मुस्लिम महिलाओं की जानकारी को सार्वजनिक किया गया है, वह खासी आहत नजर आ रही हैं। उनका कहना है कि ऐप के हट जाने से राहत जरूर है लेकिन यह जांच का विषय है कि कौन हमारी तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहा है।
मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले की जांच में मुंबई पुलिस भी जुट गई है। मुंबई पुलिस ने ट्विटर इंडिया से ऐप बनाने वाले और इसे सोशल मीडिया पर शेयर करने वालों की जानकारी मांगी है। साथ ही गिटहब से आईपी एड्रेस, लोकेशन और एप की तारीख की जानकारी भी मांगी है। साथ ही एप बनाने वाले यूजर का इमेल एड्रेस और मोबाइल नंबर भी मांगा है।