मध्य प्रदेश: बिल नहीं चुकाने पर बुजुर्ग को अस्पताल के बेड से बांधने का मामला, CM ने कहा- सख्त कार्रवाई होगी
Coronavirus, (Covid-19), Man Tied To Hospital Bed For Non Payment Of Bills: कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि 11,000 रुपए का बिल नहीं चुका पाने की वजह से बुजुर्ग के साथ ऐसा सलूक किया गया है।

Coronavirus, (Covid-19), Man Tied To Hospital Bed For Non Payment Of Bills: मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में एक बुजुर्ग व्यक्ति को अस्पताल के बेड से बांधे जाने का वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मच गया है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में खुद संज्ञान लिया है। सीएम ने ट्वीट कर कहा है कि ‘शाजापुर के एक अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार का मामला संज्ञान में आया है। दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी।’
‘11,000 रुपए के लिए बेड से बांधा’: इससे पहले अस्पताल के बेड से बुजुर्ग के हाथ-पैर को रस्सियों से बांधे जाने का एक वीडियो वायरल हुआ था। बुजुर्ग मरीज की बेटी ने आरोप लगाया था कि अस्पताल ने ‘दो बार इलाज करवाने के लिए रुपए जमा करवाए, जब हमने कहा कि अब रुपए नहीं हैं और हमें घर जाने दो तो इस पर अस्पताल कर्मियों ने बकाया राशि वसूलने के बदले पिता को पलंग से बांध दिया।’
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि 11,000 रुपए का बिल नहीं चुका पाने की वजह से बुजुर्ग के साथ ऐसा सलूक किया गया है। बुजर्ग की बेटी का या भी कहना है कि ‘हमने एडमिशन के वक्त 5,000 रुपए अस्पताल में जमा कराए थे। लेकिन कुछ और दिनों तक इलाज चलने के बाद अब हमारे पास पैसे नहीं हैं।’
अस्पताल प्रबंधन ने दी यह सफाई: हालांकि इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रबंधन का कुछ औऱ ही कहना है। अस्पताल प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि ‘बिल के भुगतान की वजह से बुजुर्ग को बेड से बांधे जाने की बात गलत है। बुजुर्ग को दिमागी बुखार है।
उन्हें झटके भी आ रहे थे। उनके छटपटाने से बोतल लगाने के बाद सुई के टूटने का खतरा रहता है। इसलिए उन्हें रस्सी से बांधा गया था।’ अस्पताल की तरफ से यह भी कहा गया है कि मानवता के आधार पर बुजुर्ग व्यक्ति के इलाज का बिल भी माफ कर दिया गया है।
एडमिशन के वक्त जमा कराए थे पैसे: ‘दैनिक भास्कर’ की रिपोर्ट के मुताबिक पेट में तकलीफ होने की वजह से रानायर गांव के रहने वाले बुजुर्ग को उनके परिजन शाजापुर जिला अस्पताल लेकर आए थे। वहां बुजुर्ग की हालत ठीक नहीं होने के कारण डॉक्टरों ने इंदौर या उज्जैन ले जाने के लिए कहा था, लेकिन रुपए नहीं होने के कारण बेटी ने पिता को शाजापुर स्थित सिटी हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया।
परिजनों का कहना है कि उन्होंने एडमिशन के वक्त पैसा जमा कराया था। लेकिन 4-5 दिन तक इलाज चलने के बाद बुजुर्ग की लड़की ने जब अस्पताल प्रबंधन से अपने पिता को डिस्चार्ज करने के लिए कहा तो उनसे पैसे मांगे गए और नहीं देने पर अस्पताल के बेड से उन्हें बांध दिया गया। बाद में बड़ी मुश्किल से लड़की ने गांव वालों की मदद से अपने पिता को छुड़ाया।