देश के अलग-अलग हिस्सों में पिछले कई महीनों से लगातार ड्रग्स की खेप पकड़ी जा रही है। अब लक्षद्वीप तट से करीब 1,526 करोड़ की हेरोइन पकड़ी गई है। इससे पहले भी कांडला बंदरगाह पर 20 अप्रैल को 205.6 किलो हेरोइन, 29 अप्रैल को पिपावाव बंदरगाह पर 396 किलो यार्न (हेरोइन से युक्त) और फिर 10 मई को नई दिल्ली में आईजीआई हवाईअड्डे के एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स में लगभग 2,500 करोड़ रुपये मूल्य की हेरोइन बरामद की थी।
इतनी है हेरोइन की कीमत: इसी क्रम में भारतीय तटरक्षक बल (कोस्टगार्ड) और राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय तस्करों के एक गिरोह के पास से लक्षद्वीप तट पर करीब 1,526 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की लगभग 218 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है। यह अभियान भारतीय तटरक्षक बल और राजस्व खुफिया विभाग ने संयुक्त रूप से लक्षद्वीप में अगत्ती तट पर चलाया था।
DRI के पास थी ऐसी जानकारी: एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि डीआरआई द्वारा कई महीनों से इस तस्करी के बारे में खुफिया जानकारी जुटाई जा रही थी। जिसके बाद ही यह ऑपरेशन शुरू किया गया था। जानकारी थी कि मई के दूसरे या तीसरे सप्ताह में दो भारतीय नौकाएं तमिलनाडु के तट से चलेंगी और अरब सागर में कहीं न कहीं बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों को हासिल करेंगी।
पकड़ी गई दो संदिग्ध नावें: इन सूचनाओं के आधार पर ही 7 मई को भारतीय तटरक्षक बल और डीआरआई का एक संयुक्त मिशन ‘ऑपरेशन खोजबीन’ के कोड-नेम के साथ शुरू किया गया था। ऑपरेशन के तहत, कोस्टगार्ड जहाज सुजीत ने डीआरआई अधिकारियों के साथ देश के विशेष आर्थिक क्षेत्र पर कड़ी नजर रखी। कई दिनों तक लगातार निगरानी के बाद, दो संदिग्ध नावें ‘प्रिंस’ और ‘लिटिल जीसस’ को भारत की ओर बढ़ते हुए देखा गया।
एक किलो के 218 पैकेट: कोस्टगार्ड और डीआरआई ने दोनों भारतीय नौकाओं को 18 मई को लक्षद्वीप द्वीप समूह के तट पर रोक लिया। पूछताछ करने पर इन नावों में सवार कुछ क्रू मेंबर्स ने कबूल किया कि उन्होंने नियत जगहों पर भारी मात्रा में हेरोइन हासिल की, जिसे दोनों नावों में छुपाया गया है। ऐसे में दोनों नावों की जांच के लिए कोच्चि ले जाया गया। कोच्चि में तटरक्षक जिला मुख्यालय में गहन तलाशी के बड़ा हेरोइन के 218 पैकेट बरामद हुए।
पिछले एक महीने में पकड़ी गई चौथी बड़ी खेप: डीआरआई के बयान में कहा गया है कि जब्त की गई दवा उच्च श्रेणी की हेरोइन की प्रतीत होती है और अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में इसकी कीमत करीब 1,526 करोड़ रुपये आंकी गई है। हाल के दिनों में, आईसीजी और डीआरआई ने नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ कुछ महत्वपूर्ण अभियान चलाए हैं। डीआरआई द्वारा पिछले एक महीने में यह चौथी बड़ी खेप है।