‘ट्रैक्टर में बांध कर घसीट दिया जाएगा’, BJP नेता के भाई पर महिला SDM को धमकी देने का लगा था आरोप
प्रेरणा दीक्षित के बारे में आपको बता दें कि वो मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिले की रहने वाली हैं।

आज बात एक ऐसी महिला आईएएस अफसर कि जिसने कभी बालू माफियाओं के नाक में दम कर दिया था। इस आईएएस अफसर को लेकर भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े नेता बाबूलाल मरांडी के भाई नुनूलाल मरांडी ने एक वक्त जो टिप्पणी की थी उसे लेकर काफी हंगामा मचा था। नुनूलाल मरांडी पर एक एसडीएम को हड़काने का आरोप लगा था। सरकारी अफसर पर भाजपा नेता के भाई का बयान साल 2020 में काफी सुर्खियों में रहा था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उस वक्त कहा गया था कि नुनूलाल मरांडी ने गिरिडीह जिले में एक सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट प्रेरणा दीक्षित के बारे में कहा था कि उन्हें ट्रैक्टर से बांध कर घसीटा जाएगा।
इसके बाद नुनूलाल मरांडी ने यह भी कहा था कि अगर अगले विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है तो ऐसे अधिकारी को डिसमिस कर दिया जाएगा। प्रेरणा दीक्षित की हिटलर से तुलना करते हुए नुनूलाल मरांडी ने कहा था कि उन्हें पाठ पढ़ाएंगे।
उस वक्त मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि बीजेपी नेता के भाई ने बालू घाटों की नीलामी को लेकर 8 दिसंबर को प्रदर्शन आयोजित किए जाने की अनुमति मांगी गई थी, जिसे एसडीएम ने मना कर दिया था। बताया जाता है कि वह वहां पर हो रहे बालू तस्करी के खिलाफ छापेमारी से भड़के हुए थे। गिरिडीह जिले में भी बालू तस्करी को लेकर सदर एसडीएम प्रेरणा दीक्षित के नेतृत्व में ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान चलाया जा रहा था। जिससे बालू माफियाओं के बीच हड़कंप मचा हुआ था।
प्रेरणा दीक्षित के बारे में आपको बता दें कि वो मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिले की रहने वाली हैं। प्रेरणा दीक्षित ने साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया में 57वां रैंक हासिल किया था, जिसके बाद इनकी काफी प्रशंसा हुई थी। आईएएस बनने वाली प्रेरणा तीन साल तक डीएफओ यानि वन पदाधिकारी के पद पर भी पोस्टेड थीं।
समस्तीपुर के एक शिक्षक दम्पति की बेटी प्रेरणा दीक्षित पटना में पढाई करती थीं। शहर के होली मिशन स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद इन्होंने राजधानी पटना के सेंट्रल स्कूल से प्लस टू की परीक्षा पास की थी। इसके बाद उन्होंने भेल्लौर से बायोटेक की पढ़ाई की, फिर एनआईटी राउरकेला से एमटेक की डिग्री हासिल की थी।
टीसीएस और एचसीएल से ऑफर भी मिले, लेकिन उन्होंने लाखों का पैकेज छोड़ कर सिविल सेवा में जाने का फैसला लिया था। दीक्षित ने पढ़ाई के बाद इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज की परीक्षा दी और पहली बार में ही 16वां रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त किया था।