कई माफिया ऐसे हुए जिनका अपराध की दुनिया से पुराना नाता रहा, लेकिन एक ऐसा भी था जो जिल्लत नहीं झेल पाया और 17 साल की ही उम्र में अपराधी बन गया। इसी गुंडे को बाद में मुन्ना बजरंगी के नाम से जाना गया जो यूपी समेत कई राज्यों की पुलिस की आंख की किरकिरी बन गया।
17 की उम्र और पहली एफआईआर: 5वीं तक पढ़े मुन्ना बजरंगी को शुरू से ही हथियारों का शौक था। मुन्ना बजरंगी के खिलाफ पहला मामला तब दर्ज किया गया था, जब वह सिर्फ 17 साल था। इस मामले में बजरंगी पर अवैध हथियार रखने और मारपीट का आरोप लगा था। मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेमप्रकाश था।
इस गैंग का शूटर था मुन्ना: देखा जाए तो मुन्ना बजरंगी ने छोटी ही उम्र में जुर्म की दुनिया में कदम रख दया था लेकिन असली कद उसका तब बढ़ा जब वह साल 1990 में मुख्तार अंसारी की गैंग में शामिल हो गया। इसके अलावा मुन्ना का खौफ राजनीतिक गलियारों में तब महसूस किया जब उसने बीजेपी नेता रामचंद्र सिंह की बेरहमी से हत्या कर दी।
जब लगा कि मुठभेड़ में ढेर हो गया मुन्ना: साल 1998 में जब मुन्ना बजरंगी की यूपी एसटीएफ से मुठभेड़ हुई तो उसे कई गोलियां लगी। उसे अस्पताल ले जाया गया तो जान बची। इसके बाद बजरंगी करीब 2 साल तिहाड़ में रहा फिर जब छूटा तो मुंबई चला गया।
जब BJP विधायक की हत्या से मच गया था हल्ला: मुन्ना बजरंगी कई साल शांत रहा लेकिन साल 2005 में एक बार फिर से उसका नाम सुर्ख़ियों में तब आया जब मुख्तार के इशारे पर उसने गाजीपुर से बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की गाड़ी पर दिनदहाड़े एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं और निर्मम हत्या कर दी। इस हमें विधायक राय के अलावा 6 और लोग भी मारे गए थे। इस चर्चित हत्याकांड ने सभी को हिलाकर रखा दिया था और वह मोस्टवांटेड अपराधी बन गया।
7 लाख का इनामी मुंबई से धरा गया: मुन्ना पर यूपी समेत अन्य कई राज्यों में भी केस दर्ज थे, जिसके चलते यूपी STF, यूपी पुलिस उसके पीछे हाथ धोकर पड़ी थी। लेकिन कई सालों की मशक्कत के बाद साल 2009 में दिल्ली पुलिस ने मुंबई उलिस की मदद से उसे मलाड इलाके से अरेस्ट कर लिया।
ठेकों और अवैध धंधों से बनाया इतना बड़ा साम्राज्य: मुन्ना बजरंगी, जब तक मुख्तार के साथ रहा उसने अपने गैरकानूनी कामों को जमकर आगे बढ़ाया। यूपी के अलावा मुंबई, बिहार-झारखण्ड में उसकी 250 करोड़ से अधिक की कई बेनामी संपतियां हैं। सड़क से लेकर रेलवे तक के ठेकों में मुन्ना का पैर जमा चुका था लेकिन जब वह पकड़ा गया और जेल गया तो कुछ सालों बाद उसे जेल के भीतर ही गोलियों से भून दिया गया।