चौपाल: प्रदूषण का खतरा
इस बार प्रदूषण से निपटने के लिए पंद्रह अक्तूबर से ईपीसीए द्वारा ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ यानी ग्रेप को पूरे दिल्ली-एनसीआर में लागू किया जाएगा और यह पंद्रह अक्तूबर से पंद्रह मार्च तक लागू रहेगा।

दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को हर साल सर्दियों में दम घोंटने वाले जानलेवा प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। फिलहाल लोगों को भले ही साफ हवा मिल रही हो, लेकिन यह सिलसिला लंबा चलने वाला नहीं है। आने वाले दिनों में यह स्थिति खराब हो सकती है। हालांकि दिल्ली-एनसीआर में दमघोंटू प्रदूषण से लड़ने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
इस बार प्रदूषण से निपटने के लिए पंद्रह अक्तूबर से ईपीसीए द्वारा ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ यानी ग्रेप को पूरे दिल्ली-एनसीआर में लागू किया जाएगा और यह पंद्रह अक्तूबर से पंद्रह मार्च तक लागू रहेगा। इसके तहत डीजल जेनरेटर सेट पर रोक, सड़कों की सफाई, कच्ची और टूटी सड़कों पर पानी का छिड़काव, निर्माण कार्य वाली जगहों पर धूल रोकने के इंतजाम, होटल, रेस्तरां और ढाबों में कोयला और लकड़ी जलाने पर रोक के उपाय किए जाएंगे। सबसे अधिक प्रदूषण पराली जलाने से होता है।
पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। इस बार दिल्ली-एनसीआर की हवा को साफ करने का पूरा खाका तयार कर लिया गया है। अब यह देख यह है कि इस खाका में दर्ज नियमों को ठीक तरह से अमल में लाया जाता है या नहीं।
’वेद प्रकाश, रोहिणी, दिल्ली
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