चौपाल: हथियारों पर अंकुश
वर्तमान में परमाणु, जैव एवं रासायनिक हथियार प्रणाली के इस्तेमाल की सोच ज्यादा विकसित हो रही है। जैव प्रयोग द्धारा विषाणु या जीवाणु दुश्मन के खेमे के वायुमंडल में महामारी फैलाने का काम सरलता से किया जा सकता है।

वर्तमान में परमाणु, जैव एवं रासायनिक हथियार प्रणाली के इस्तेमाल की सोच ज्यादा विकसित हो रही है। जैव प्रयोग द्धारा विषाणु या जीवाणु दुश्मन के खेमे के वायुमंडल में महामारी फैलाने का काम सरलता से किया जा सकता है।
परमाणु हथियारों के निरस्त्रीकरण पर चर्चा करने उत्तर कोरिया जाने वाले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में रह कर परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते को शीघ्र लागू करने के मसले पर चर्चा करने का बीड़ा उठाया है।
जैव एवं रासायनिक हथियार प्रणाली के विकिरण के प्रभाव से आने वाली पीढ़ियों को जान-माल का खमियाजा भुगतना पड़ेगा। विश्व शांति और मैत्री का पाठ पढाने के लिए किसी भी देश की ओर से युद्ध की स्थिति भविष्य में निर्मित न हो, ऐसी पहल के लिए अन्य देशों को भी आगे आना होगा।
एक जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के मत के अनुसार जैवीय संरचना के बारे में जानकारी अतिमहत्त्वपूर्ण होती है। इससे प्राप्त आंकड़ों के प्रयोग को जैवीय संरचना बदलने में भी किया जा सकता है। इसी कारण कोई देश जैवीय संरचना संबंधी जानकारी अन्य देशों को नहीं देता।
इसके लिए परमाणु, जैव रासायनिक हथियारों के प्रयोग में काम आने वाली सामग्रियों को पूर्णतया गोपनीय रख कर विशेष सतर्कता बरती जाती है। अगर इनका प्रयोग होता है तो महामारी के उन्मूलन में लगातार लगा विश्व स्वास्थ्य संगठन अपना लक्ष्य कभी नहीं पूरा कर सकेगा।
सुरक्षा के लिए आतंकवाद के खिलाफ कड़ी करवाई, परमाणु प्रतिष्ठानों पर कड़ी सुरक्षा के साथ परमाणु वैज्ञानिकों की सुरक्षा और महत्त्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी होगी।
’संजय वर्मा ‘दृष्टि’, मनावर, धार, मप्र
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। Online game में रुचि है तो यहां क्लिक कर सकते हैं।