चौपालः चीन पर अंगुली
पूरी दुनिया इस हकीकत को समझ रही है कि चीन दोतरफा खेल खेल रहा है। एक ओर तो उसने पूरी दुनिया में कोरोनाविषाणु पैदा कर सबको संकट में डाल दिया, और दूसरी ओर वह इनसे बचाव के लिए सबको चीनी माल भी बेच रहा है, गुणवत्ता में खराब निकल रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को अमेरिका से मिलने वाला पैसा बंद होने के बाद अब चीन डब्ल्यूएचओ को पैसा देगा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने डब्ल्यूएचओ को अबी तीन करोड़ डॉलर की अतिरिक्त राशि देने की बात कही है। इससे पहले भी चीन डब्ल्यूएचओ को दो करोड़ डॉलर दे चुका है। अमेरिका का कहना है कि डब्ल्यूएचओ इस वक्त भेदभाव भरी भूमिका निभा रहा है और जिस तरह से काम कर रहा है, उससे साफ है कि उसका झुकाव चीन की तरफ है। इसलिए अमेरिका उसे क्यों पैसा दे? पूरी दुनिया इस हकीकत को समझ रही है कि चीन दोतरफा खेल खेल रहा है। एक ओर तो उसने पूरी दुनिया में कोरोनाविषाणु पैदा कर सबको संकट में डाल दिया, और दूसरी ओर वह इनसे बचाव के लिए सबको चीनी माल भी बेच रहा है, गुणवत्ता में खराब निकल रहे हैं। ऐसे में अमेरिका सहित दूसरे देशों को हैरानी इस बात से है कि आखिर चीन के खिलाफ डब्ल्यूएचओ कड़े कदम क्यों नहीं उठा रहा। इस पूरी महामारी के माहौल में डब्ल्यूएचओ का चीन के प्रति झुकाव किसी गैर-जिम्मेदाराना रवैए से कम नहीं है।
-वत्सल श्रीवास्तव, प्रयागराज
मजदूरों पर भी ध्यान दें
पहले दिल्ली के आनंद विहार में, फिर मुंबई और सूरत जैसे शहरों में हजारों की तादाद में मजदूरों का अपने घर जाने के लिए इकट्ठा होना यह दर्शाता है कि अगर तीन मई को पूर्णबंदी नहीं खुली तो एक बार फिर मजदूरों के सब्र का बांध टूट सकता है। ऐसे में प्रदेश सरकारों को रणनीति के तहत अपने-अपने प्रदेश के मजदूरों को निकालने की व्यवस्था पर विचार करना होगा। वर्तमान में जिस तरह के हालात हैं, इसको देख कर लगता है कि अभी कुछ दिनों के लिए पूर्णबंदी और बढ़ाया जा सकता है, जिस तरह विभिन्न राज्य की सरकारों ने कोटा से अपने यहां के छात्रों को निकाला है, उसी तरह कुशल रणनीति के तहत मजदूरों को भी निकालने का प्रयास करना चाहिए।
-हर्षवर्धन सिंह चौहान, रायबरेली
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