ये लोग पीड़ितों से बातचीत करके उनको मनोदशा को पहचान लेते हैं, उनसे बातचीत के दौरान उनका मोबाइल नंबर भी ले लेते हैं और इतनी चतुरता से काम करते है कि लोग समझ भी नहीं पाते हैं। धोखा देकर तैयार किए गए अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया में प्रसारित करने की धमकी दी जाती है और पैसे वसूले जाते हैं।
यही नहीं, उल्टे पीड़ित को नकली पुलिस अधिकारी बनकर कार्रवाई करने की धमकी दी जाती है। स्वाभाविक ही इसका शिकार हुआ व्यक्ति परेशान हो जाता है और साइबर ठगों द्वारा मामले को दबाने के लिए मांगी गई रकम भेज देता है।
ऐसे कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं, इसलिए लोगों को सोशल मीडिया मंचों का उपयोग अत्यंत सावधानीपूर्वक करना चाहिए। ऐसी अनचाही फर्जी वीडियो काल से बचना चाहिए। अगर किसी के साथ ऐसी कोई घटना होती है तो सबसे पहले इसकी सूचना अपने निकटतम थाने में देना चाहिए। हालांकि सतर्कता ही बचाव है।
- योगेंद्र गौतम, खेड़ा बाजार, उन्नाव