5-जी के कारण अमेरिका जाने वाली कई उड़ानों के चालक वहां जाना पसंद नहीं कर रहे हैं। ऐसे में आम लोगों के मन में भी संदेह घर जाता है कि क्या 5-जी की तंरगें या किरणें कितनी अधिक घातक होगी। यों भी आम लोगों के समक्ष जितना जल्द 3-जी और 4-जी आ गया, उसके बाद 5-जी की उम्मीद भरी निगाहें लोगों को ऐसे ही उद्वेलित किए हुए हैं। ऐसे में 5-जी तकनीक का आम लोगों के पास नहीं आ पाना अपने आप में एक सवाल हो जाता है।
5-जी लोग इस्तेमाल करेंगे, इस चाहत में मोबाइल कंपनियों ने 5-जी से लैस मोबाइल बनाना भी शुरू कर दिया और लोगों ने खरीदना भी शुरू कर दिया। लेकिन आम लोगों के पास आमतौर पर 5-जी तकनीक आ नहीं सका है। ऐसे में जब 5-जी को लेकर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेंज के संदर्भ में कुछ भी ऊहापोह की स्थिति होती है तो मानव मस्तिष्क चिंता से भर जाता है।
यह सही है या गलत, यह तो अलग बात है, लेकिन बहुत सारे लोगों को ऐसा भी लगता है कि यह तकनीक कई छोटे-छोटे पक्षियों को विलुप्त कर रहा है, उसके अस्तित्व के लिए घातक हो रहा है। ऐसे में 5-जी से संबंधित समस्त सच्चाइयों का शोध करके आम जनता के समक्ष सच्चाई के साथ जरूर लाना चाहिए।
– मिथिलेश कुमार, भागलपुर, बिहार