पहले लोकसभा और फिर यूपी विधानसभा चुनावों में हुई हार का सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर कुछ ज्यादा ही असर पड़ा है। लगातर वे ऐसे वक्तव्य दे रहे हैं, जो उनकी राजनीतिक छवि के हिसाब से ठीक नहीं है। सदन में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर उनकी टिप्पणी अमर्यादित थी।
यह कोई पहला मौका नहीं है, जब इस तरह की टिप्पणी अखिलेश यादव ने की है। कभी मंच से ओ पुलिस ओ पुलिस करते हैं, तो कभी कश्मीर फाइल्स फिल्म का विरोध करते है। चुनावों में हार-जीत चलती रहती है, लेकिन अपनी मर्यादा भूलना शायद ठीक नही।
जनता चुनाव में हरा कर सही होने का मौका देती है। चुनाव आएंगे, चले जाएंगे, लेकिन हमारा व्यवहार और भाषा-शैली उस स्तर की होनी चाहिए, जिस स्तर के हम नेता बनते हैं या बनने की कोशिश करते हैं।
ललित शंकर, गाजियाबाद