नूरा कुश्ती
समाजवादी पार्टी में पिछले चार महीनों से बाप-बेटे के बीच चल रही जंग में बेटे अखिलेश यादव जीत गए हैं।

समाजवादी पार्टी में पिछले चार महीनों से बाप-बेटे के बीच चल रही जंग में बेटे अखिलेश यादव जीत गए हैं। अब वही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि अब पार्टी बदल गई है। उसका चेहरा और चाल बदल गए हैं। अब यह एक नई पार्टी होगी जो अपराध और भ्रष्टाचार से दूर है, जिसकी पहचान सिर्फ और सिर्फ उत्तर प्रदेश का विकास है।
असल में यह समाजवादी पार्टी की चाल है, जिसमें बाप, चाचा, बेटा सब मिले हुए हैं। यह सारी कवायद जनता का ध्यान सरकार की कमियों से हटाने के लिए है ताकि वह एक बार फिर अखिलेश यादव के नाम पर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनवा दे। यह सब मुलायम सिंह यादव की चाल है। चुनाव आयोग में अखिलेश की तरफ से सारे दस्तावेज जमा किए गए। कितने सांसद, विधायक, कार्यकर्ता अखिलेश यादव के समर्थन में हैं, इसकी पूरी जानकारी लिखित में आयोग को दी गई। दूसरी तरफ मांगने के बावजूद मुलायम सिंह की तरफ से ऐसा कोई दस्तावेज आयोग को नहीं दिया गया। उलटे वे यही कहते रहे कि पार्टी में कोई झगड़ा है ही नहीं।साफ है कि यह सारा घटनाक्रम मुलायम की योजना का हिस्सा था। आयोग का फैसला आने के तुरंत बाद अखिलेश अपने पिता से मिलने गए और बाप-बेटे ने बंद कमरे में आपस में चर्चा की। यह सब प्रदेश की जनता को मूर्ख बनाने की कवायद है। जनता को भी इसे समझना चाहिए।
’बृजेश श्रीवास्तव, गाजियाबाद
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