जुबानी जंग
गुजरात चुनाव में इस बार काफी बयानबाजी देखने को मिली, जिसे हम जुबानी जंग भी कह सकते है। यहां पहली बार ऐसा हुआ कि किसी नेता को खुद को हिंदू साबित करना पड़ा और प्रतिद्वंद्वी दल उसके हिंदू होने से इनकार करता रहा। कभी नेताओं को मंदिर जाने के लिए समय नहीं होता था, आज सारी पार्टियों के नेताओं ने गुजरात के हर मंदिर के चक्करलगा लिये। चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने अपनी तरफ से पूरा जोर लगाया। कांग्रेस में नए नेता आए जिससे कांग्रेस की हालत पहले से बेहतर हुई है। वहीं भाजपा सिर्फ अपना बचाव करते हुए दिखी। कहीं विकास को पागल बताया गया, कहीं विकास का हिसाब मांगा गया! नतीजा जो भी आए, लेकिन कम से कम अब गुजरात का विकास जरूर हो।
’अमित कुमार झा, जैतपुर, नई दिल्ली

असुरक्षा का दायरा
हम सभ्यता और विकास के चरम पर पहुंचने का दावा करते हैं, लेकिन सच यह है कि खबरों की शक्ल में आज ज्यादातर जगहों से आने वाली खबरों में गुंडागर्दी या दहशत का माहौल ही पाते हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध, बलात्कार और हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। गुंडे या आपराधिक प्रवृत्ति के लोग स्कूल-कॉलेज, दफ्तर में या सड़क पर और यहां तक कि मंदिर में भी छिछोरी हरकत करने से बाज नहीं आते। पुलिस और प्रशासन की सख्ती के सहारे गुंडा तत्त्वों से तो जैसे-तैसे निपटा जा सकता है, लेकिन वासना के पुजारी पुरुष सगे-संबंधियों से कैसे निपटे महिला या बच्ची? सच तो यह है कि महिलाएं घर की चारदिवारी में भी सुरक्षित नहीं हैं। आखिर वे अपनी पीड़ा को लेकर किसके पास जाएं? उन बेबस लड़कियों के जख्म कैसे भरेंगे? आधुनिकता की चकाचौंध में कैसा समाज बन रहा है जिसमें महिलाएं एक खौफ में जीवन गुजारती हैं? क्या हम इसे एक सभ्य समाज कह सकते हैं?
’मुकेश कुमावत, जयपुर</p>

स्वागतयोग्य पहल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की यह पहल सराहनीय है कि दिल्ली में कोई भी सड़क दुर्घटना होती है तो अब प्राइवेट अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज किया जा सकेगा और साथ ही अब अनजान लोगों की मदद करने के लिए लोग आगे आएंगे। अगर इस पहल को सभी राज्यों में लागू कर दिया जाए तो यह बहुत अच्छा कदम साबित होगा। सड़क दुर्घटना में घायल को तड़पता छोड़ आगे निकल जाने वाले लोगों को हमने अपने सामने देखा होगा। लेकिन अगर यह पहलकदमी जमीन पर उतरती है तो कई लोग मदद के लिए आगे आएंगे और घायलों को जल्दी इलाज मिल सकेगा और बहुत-से लोगों की जान बचाई जा सकेगी। इसके अलावा, सरकार ने आॅटो और टैक्सी वालों को इस पहल के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाया है। जाहिर है, यह कई लिहाज से बेहतर पहल है।
’जितेंद्र कश्यप, अलीगढ़