विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को बढ़ती मुद्रास्फीति, सप्लाई चेन में गतिरोध और भू-राजनीतिक तनाव को ध्यान में रखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया।
यह दूसरी बार है जब विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) में भारत के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमान को संशोधित किया है। अप्रैल में बैंक ने पूर्वानुमान को 8.7 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया था जिसके बाद अब इसके 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वर्ल्ड बैंक ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स ने लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा, “भारत में वित्त वर्ष 2022-23 में विकास दर 7.5 प्रतिशत तक कम होने का अनुमान है। ये बदलाव बढ़ती महंगाई, आपूर्ति श्रृंखला में गतिरोध, महामारी से सेवाओं की खपत में कमी और भू-राजनीतिक तनावों को ध्यान में रखते हुए है।” वर्ल्ड बैंक ने कहा कि विकास को निजी क्षेत्र और सरकार द्वारा किए गए निवेश से भी बल मिलेगा, जिन्होंने व्यावसायिक माहौल में सुधार के लिए कई रिफॉर्म पेश किए हैं।
2023-24 में 7.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद: बैंक ने कहा कि यह पूर्वानुमान जनवरी के अनुमान की तुलना में विकास में 1.2 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 2023-24 में विकास के और भी धीमी गति से 7.1 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है। बैंक के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की विकास दर और धीमी होकर 7.1 प्रतिशत हो जाएगी। हालांकि, यह पिछले अनुमान 6.8 प्रतिशत से 30 बेस पॉइंट ज्यादा है।
2025 में GDP ग्रोथ 6.5 प्रतिशत: वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए GDP ग्रोथ 6.5 प्रतिशत आंकी गई है। एक बेस पॉइंट, पर्सेंटेज पॉइंट का सौवां हिस्सा होता है। हालांकि, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए विकास पूर्वानुमान में गिरावट का यह आंकड़ा लोकल अनुमानों की तुलना में अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ 7.2 प्रतिशत आंकी है। हालांकि, यह आंकड़ा 8 जून को और कम हो सकता है जब मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अपने नवीनतम ब्याज दर की घोषणा करती है।