इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एलन मस्क ने कहा है कि टेस्ला को भारत में अपनी कारों की बिक्री की अनुमति मिलने के बाद ही स्थानीय स्तर पर इसके मैन्युफैक्चरिंग के बारे में कोई फैसला किया जाएगा।
मस्क ने भारत में टेस्ला का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट (Manufacturing Plant) लगाने की संभावना के बारे में ट्विटर पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘टेस्ला किसी भी ऐसी जगह पर अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी जहां उसे पहले अपनी कारों की बिक्री एवं सर्विस की अनुमति नहीं दी गई हो।’’
मस्क का यह बयान इस लिहाज से अहम है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने टेस्ला को भारत में ही बनी कारों की बिक्री की मंजूरी देने की बात कही थी। गडकरी ने अप्रैल में कहा था कि अगर टेस्ला भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारों के उत्पादन के लिए तैयार है तो वह यहां पर बिक्री कर सकती है। दरअसल भारत विदेश में बनी कारों के आयात पर भारी शुल्क लगाता है जिसकी वजह से उनकी कीमत काफी बढ़ जाती है।
टेस्ला ने भारत सरकार से आयात शुल्क में कटौती की मांग रखी थी। मस्क ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि टेस्ला भारत में अपने वाहनों को बेचना चाहती है लेकिन यहां पर बहुत ज्यादा आयात शुल्क लगता है। मस्क ने कहा था कि अगर टेस्ला को भारतीय बाजार में कामयाबी मिलती है तो वह भारत में इसका विनिर्माण संयंत्र लगाने के बारे में सोच सकते हैं। फिलहाल भारत विदेश में बनी 40,000 डॉलर से अधिक मूल्य वाली कारों के आयात पर 100 फीसदी शुल्क लगाता है।
कोरोना के बाद बड़ी संख्या में अमेरिकी कंपनियां चीन से बाहर निकलकर अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट दुनिया के अन्य देशों में शिफ्ट कर रही है। माना जा रहा है कि अधिक आयात शुल्क के कारण टेस्ला ने भारत को न चुनकर इंडोनेशिया में अपना प्लांट स्थापित करने निर्णय लिया है।
दुनिया की सबसे मूल्यवान कार कंपनी: टेस्ला मौजूदा समय में मार्किट कैप के हिसाब से दुनिया की सबसे मूल्यवान कार कंपनी है, जिसका मार्किट कैप करीब 700 बिलियन डॉलर के आस-पास है।