What is Budget: संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है। केंद्रीय बजट 2023 24 को लेकर देशवासियों को वित्त मंत्री से बहुत सारी उम्मीदें हैं। आइए आपको बताते हैं बजट क्या होता है और सरकार इसे तैयार करने के लिए धन कहां से लाती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने एक फरवरी को बजट (Budget 2023) पेश किया। बजट एक वित्तीय दस्तावेज है जिसका उपयोग सरकार भविष्य की आय और व्यय को प्रोजेक्ट करने के लिए करती है। आसान शब्दों में कहें तो बजट भविष्य की बचत और व्यय के साथ-साथ नियोजित आय और व्यय (saving and spending) की योजना बनाता है। सरकार द्वारा यह अनुमान लगाने के लिए बजट बनाया जाता है कि वे अपनी अनुमानित आय और व्यय के साथ आगे कैसा काम कर सकती है।
सरकार को कहां से मिलता है धन, जानिए
बजट के दौरान लोगों के मन में एक और सवाल उठता है कि आखिर सरकार रुपये कहां से कमाती है। FY22 के केंद्रीय बजट दस्तावेज़ के आधार पर भारत की 1 रुपये की कमाई का एक बड़ा हिस्सा मुख्य रूप से उधार और अन्य देनदारियों (Borrowings and other liabilities) से उत्पन्न होता है। इसके बाद गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST), कॉर्पोरेट टैक्स और इनकम टैक्स से सरकार धन अर्जित करती है।
सरकार कैसे एक रुपये कमाती है, जानें
उधार और अन्य देनदारियों से सरकार 35 पैसे कमाती है। जबकि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) से सरकार 16 पैसे कमाती है। वहीं सरकार को कॉर्पोरेट टैक्स और इनकम टैक्स (Corporate tax and Income tax) से क्रमशः 15-15 पैसे हासिल होते हैं। जबकि एक्साइज ड्यूटी (Union excise duty) से सरकार को 7 पैसे हासिल होते हैं। वहीं कस्टम (Custom) से सरकार को 5 पैसे प्राप्त होते हैं। जबकि सरकार को गैर-कर राजस्व (Non-tax revenue) से 5 पैसे प्राप्त होते हैं। वहीं गैर-ऋण पूंजी (Non-debt capital receipt) के रूप में सरकार को 2 पैसे मिलते हैं।
चालू वित्त वर्ष (FY23) के लिए सरकार का कुल बजट 39,44,157 करोड़ रुपए अनुमानित है। सरकार जरूरत के हिसाब से केंद्रीय बजट आवंटित करती है। यदि आवंटन राशि अनुमानित राशि से अधिक हो जाती है तो ऐसी स्थिति में सरकार ऋण लेती है। बता दें कि IMF अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) में मंदी की संभावना देख रहा है।
राजकोषीय घाटा क्या होता है, जानिए
केंद्रीय बजट बनाते समय राजकोषीय घाटा( fiscal deficit) को ध्यान में रखना काफी महत्वपूर्ण होता है। राजकोषीय घाटा सरकार के कुल राजस्व और कुल व्यय के बीच का अंतर है। यह सरकार द्वारा आवश्यक कुल उधारी को दर्शाता है। बता दें कि कुल राजस्व की गणना करते समय, उधार शामिल नहीं होते हैं।
बजट बनाते समय इन चीजों का रखते हैं ध्यान
नॉमिनल जीडीपी (अगले साल अर्थव्यवस्था का आकार क्या होगा?: नॉमिनल जीडीपी एक वित्तीय वर्ष में भारत में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल बाजार मूल्य के अलावा और कुछ नहीं है।
राजकोषीय घाटा (सरकार कितना पैसा उधार ले सकती है?): आमतौर पर भारत में सरकारों को कमाई से अधिक खर्च करने के लिए मजबूर किया जाता है। यानी उन्हें बाजार से पैसा उधार लेना पड़ता है। तो कमाई और खर्च में जो अंतर होता है उसे राजकोषीय घाटा कहते हैं।
कुल राजस्व ( सरकार अपने दम पर कितना पैसा जुटा सकती है?): एक बार जब सरकार को पता चलता है कि वह उधार से अधिकतम धन जुटा सकती है, तो वह अपना ध्यान राजस्व (Total Revenues) की ओर लगाती है। पैसे जुटाने को ही राजस्व कहते हैं।
कुल व्यय (अधिकतम कितना खर्च कर सकता है और कहाँ?: सरकार जानती है कि वह अपने दम पर कितना पैसा जुटा सकती है और कितना पैसा उधार ले सकती है। साथ में वे इसे कुल धन प्रदान करते हैं जो यह विभिन्न पुरानी या नई योजनाओं पर खर्च कर सकता है। इसी प्रक्रिया को कुल व्यय कहते हैं।
मोदी सरकार ने खत्म की 92 साल पुरानी प्रथा
साल 2017 से पहले अलग रेलवे बजट पेश किया जाता था। वह बजट आम बजट से होता था। लेकिन साल 2017 से मोदी सरकार ने 92 साल पुरानी प्रथा को खत्म कर दिया और आम बजट के साथ ही रेल बजट को भी पेश किया जाने लगा। 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट के दौरान ही रेलवे बजट पेश किया।
नीति आयोग ने सरकार को ऐसा करने का सलाह दिया था और इसके लिए उसने सभी स्टेकहोल्डर्स से बात की थी। भारत का पहला रेल बजट अंग्रेजों के शासन में 1924 में पेश किया गया था। उसके बाद 2017 में मोदी सरकार ने आम बजट के साथ ही रेल बजट को भी पेश किया, जिससे इस परंपरा में बदलाव आया।
केंद्रीय बजट 2023 24 explained
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023 24 पेश करने के दौरान कहा कि हमारा आर्थिक एजेंडा नागरिकों के लिए अवसरों को सुविधाजनक बनाने, विकास और रोज़गार सृजन को तेज़ गति प्रदान करने और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मज़बूत करने पर केंद्रित है। कृषि से जुड़े स्टार्ट अप को प्राथमिकता दी जाएगी। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि त्वरक कोष की स्थापना की जाएगी।