इंटरपोल ने अगस्तावेस्टलैंड से 3600 करोड़ रुपए के वीवीआइपी हेलिकॉप्टर सौदे में कथित रूप से बिचौलिये बताए जाने वाले दो इतालवी नागरिकों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किए हैं। दोनों को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लगाए गए धन शोधन के आरोपों में ये नोटिस जारी किए गए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि कार्लो गेरोसा और गुइडो राफ हाश्के के खिलाफ गिरफ्तारी के लिए वैश्विक वारंट जारी किए गए हैं। यहां एक विशेष अदालत ने कुछ दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर इनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किए थे।
इंटरपोल के अनुसार वांछित लोगों का ठिकाना पता लगाने और उनकी गिरफ्तारी के लिए रेड कार्नर नोटिस जारी किया जाता है। ऐसा किसी आपराधिक मामले की जांच में प्रत्यर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के नजरिये से किया जाता है। दोनों के खिलाफ ताजा नोटिस के अनुसार विदेशी नागरिक धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की कई धाराओं के तहत भारत के न्यायिक अधिकारियों द्वारा अभियोजन के लिए या सजा के लिए वे वांछित हैं।
इसी मामले में ईडी के एक और आरोपी ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन माइकल जेम्स को पहले ही सीबीआइ के अनुरोध पर इस महीने इंटरपोल द्वारा गिरफ्तारी के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है। सीबीआइ भी मामले में समानांतर जांच कर रही है।
मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ईडी को जेम्स के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कराने में सफलता मिल गई है और उसने उसके खिलाफ एक आरसीएन जारी कराने का अनुरोध किया है, वहीं सीबीआइ के आग्रह पर जारी इंटरपोल का वारंट भी मकसद पूरा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि माइकल के खिलाफ पहले ही जारी इंटरपोल नोटिस में पीएमएलए के तहत आरोप जोड़े जा सकते हैं। इन दो रेड कार्नर नोटिसों के जारी होने के साथ एजंसियों ने उनके खिलाफ वैश्विक वारंट जारी कराने में सफलता हासिल की है जो अब तक उनकी संबंधित जांचों में वांछित हैं। ईडी ने पहले अदालत में दावा किया था कि अगस्तावेस्टलैंड ने करीब सात करोड़ यूरो की रिश्वत अदा की थी, जिसमें से करीब तीन करोड़ यूरो जेम्स और उनकी कंपनी ग्लोबल सर्विसेस एफजेडई, दुबई को दिए गए थे, वहीं बाकी रकम गेरोसा और हाश्के को मिली।