बैंकों का हजारों करोड़ रुपया लेकर कई साल से फरार शराब कारोबारी विजय माल्या का किंगफिशर हाउस आखिरकार नीलाम हो ही गया है। डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल बेंगलुरु ने किंगफिशर हाउस को 52.25 करोड़ रुपए में बेच दिया है।
यह किंगफिशर हाउस विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस का मुख्यालय था। डेट ट्रिब्यूनल किंगफिशर हाउस की बिक्री के लिए 2016 से नीलामी का आयोजन कर रही थी। लेकिन उसे चार साल बाद इसकी बिक्री में कामयाबी मिली है। इस दौरान 8 बार नीलामी का आयोजन किया गया जो असफल रहीं। नौवीं बार नीलामी में इस किंगफिशर हाउस की बिक्री हो पाई है। हालांकि, 2016 में पहली नीलामी के रिजर्व प्राइस 135 करोड़ रुपए के मुकाबले काफी कम प्राइस में इसकी बिक्री हो पाई है। इस संपत्ति की वास्तविक वैल्यू 150 करोड़ रुपए के आसपास बताई जा रही है।
हैदराबाद की सैटर्न रियल्टर्स ने खरीदा: 27 नवंबर 2019 को इस संपत्ति की बिक्री के लिए 8वीं बार नीलामी का आयोजन किया गया था। इस नीलामी में किंगफिशर हाउस का रिजर्व प्राइस 54 करोड़ रुपए रखा गया था। लेकिन इतनी कम कीमत पर भी इसे कोई खरीदारी नहीं मिला। नौवीं नीलामी में हैदराबाद की सैटर्न रियल्टर्स ने 52.25 करोड़ रुपए की बोली लगाकर खरीदा है। इस नीलामी में किंगफिशर हाउस का रिजर्व प्राइस 52 करोड़ रुपए रखा गया था।
17,074 वर्गफुट में फैली है यह संपत्ति: किंगफिशर हाउस एक कमर्शियल संपत्ति है। इसका बिल्ट अप एरिया 17,074 वर्गफुट है। इस किंगफिशर हाउस में एक बेसमेंट, एक अपर ग्राउंड फ्लोर, एक ग्राउंड फ्लोर और एक अपर फ्लोर है। यह वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के पास 0.6 एकड़ के प्लॉट में बना हुआ है। इंडेक्सटैप डॉट कॉम पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, नीलामी की प्रक्रिया 29 जुलाई को पूरी हुई थी और इसके अगले दिन ही रजिस्ट्रेशन हो गया। इसके रजिस्ट्रेशन के लिए सैटर्न रियल्टर्स ने 2.61 करोड़ रुपए की स्टांप ड्यूटी चुकाई है।
इस वजह से घटाई गई रिजर्व प्राइस: मुंबई के रियल एस्टेट एक्सपर्ट का कहना है कि बैंकों ने किंगफिशर हाउस की रिजर्व प्राइस में अप्रत्याशित कमी की है। इसका कारण यह है कि यह संपत्ति कई प्रकार के प्रतिबंधों के दायरे में आती है। मुंबई एयरपोर्ट के नजदीक होने के कारण इस संपत्ति के ज्यादा डेवलपमेंट की गुंजाइश भी नहीं है।
9900 करोड़ रुपए में से अब तक 7250 करोड़ रुपए की रिकवरी: शराब कारोबारी विजय माल्या पर स्टेट बैंक समेत 17 बैंकों का 9900 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। विजय माल्या और इसकी कंपनियों की संपत्तियों और शेयरों की बिक्री करके इस कर्ज की वसूली की जा रही है। अब तक 9900 करोड़ रुपए में 7250 करोड़ रुपए के कर्ज की वसूली हो चुकी है।