देश भर में घटी बेरोजगारी, पर इन राज्यों में अब भी 22 पर्सेंट तक है बेरोजगारी की दर, बिहार में भी 11 पर्सेंट लोगों पर काम नहीं
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी की दर 12 फीसदी है, जबकि उत्तराखंड का अनएंप्लॉयमेंट रेट 22.3 पर्सेंट है। इसके अलावा त्रिपुरा में बेरोजगारी की दर 17.4 फीसदी, गोवा में 15.4 पर्सेंट और जम्मू-कश्मीर में 16.2 फीसदी लोग बेरोजगार हैं।

देश में अनलॉक का दौर चलने की वजह से बेरोजगारी के आंकड़े में तेजी से कमी आई है। लेकिन अब भी देश के 10 राज्य ऐसे हैं, जहां बेरोजगारी की दर दोहरे अंकों में है। हरियाणा में बेरोजगारी की दर अब भी 19.17 पर्सेंट, राजस्थान में 15.3 फीसदी और दिल्ली में बेरोजगारी का आंकड़ा 12.5 फीसदी है। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी की दर 12 फीसदी है, जबकि उत्तराखंड का अनएंप्लॉयमेंट रेट 22.3 पर्सेंट है। इसके अलावा त्रिपुरा में बेरोजगारी की दर 17.4 फीसदी, गोवा में 15.4 पर्सेंट और जम्मू-कश्मीर में 16.2 फीसदी लोग बेरोजगार हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी की ओर जारी किए गए सितंबर के डाटा में यह बात कही गई है।
चुनावी राज्य में बेरोजगारी की दर 11.9 फीसदी है, जहां यह एक मुद्दा हो सकता है। विपक्षी दल आरजेडी ने पहले ही राज्य में बेरोजगारी को मुद्दा बनाते हुए सत्ता में आने पर 10 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया है। पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे दो बड़े राज्यों की बेरोजगारी दर भी दोहरे अंकों के करीब ही है। बंगाल में 9.3 पर्सेंट लोगों के पास काम नहीं है बल्कि पंजाब में 9.6 पर्सेंट लोगों के पास रोजगार की कमी है।
आर्थिक जानकारों का कहना है कि इस संकट की वजह यह है कि अर्थव्यवस्था में डिमांड अब भी कम है और इंडस्ट्रियल हब अब भी पहले की तरह काम नहीं कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि कोरोना से इतर भी कई फैक्टर बेरोजगारी दर में इजाफे का कारण हैं। पहली बात यह है कि खेती का काम बारिश के सीजन के बाद समाप्त हो जाता है और कृषि में लगे श्रमिक इस दौरान खाली होते हैं। इसके अलावा ग्रामीण स्तर पर ज्यादा रोजगार का सृजन न हो पाना है।
इसके अलावा पहाड़ी राज्य उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी दर में इजाफा होने की वजह यह है कि यहां टूरिज्म सेक्टर पहले जैसी रफ्तार नहीं पकड़ सका है। यहां टूरिज्म ही रोजगार का प्रमुख साधन है। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरी क्षेत्रों में अब भी बेरोजगारी की दर ऊंची बनी हुई है। अब भी देश में ट्रांसपोर्ट, एंटरटेनमेंट, रिटेल और रेस्तरां बिजनेस को पहले जैसी रफ्तार नहीं मिल पाई है। इसके चलते देश में बेरोजगारी का संकट बना हुआ है।
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