केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार और पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन के बीच ठन गई है। सुब्रमण्यन ने अपने एक लेख में इस अभियान को लेकर कहा था कि भारत को घरेलू मार्केट के भ्रामक आकर्षण से बचना चाहिए और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना चाहिए। इस पर नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि उन्हें सुब्रमण्यन की राय से आश्चर्य हुआ है। राजीव कुमार ने कहा कि इस अभियान की शुरुआत तो उनके मुख्य आर्थिक सलाहकार रहते हुए ही हुई थी। जब भारत ने 2018 में इंपोर्ट टैरिफ को बढ़ाते हुए 18 पर्सेंट तक कर दिया था।
उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात या फिर ईमानदारी नहीं है कि सरकार में रहते हुए कुछ और स्टैंड रखा जाए और उससे बाहर निकलने पर कोई राय रखी जाए। अरविंद सुब्रमण्यम को मोदी सरकार ने अक्टूबर 2014 में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया था। उन्हें तीन साल के लिए यह जिम्मेदारी मिली थी, जिसके बाद उन्हें एक साल का एक्सटेंशन भी मिला था। हालांकि निजी कारणों का हवाला देते हुए सुब्रमण्यन ने एक साल के कार्यकाल विस्तार के बीच में ही पद छोड़ दिया था और वापस अमेरिका चले गए थे। फिलहाल वह अशोका यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं।
अरविंद सुब्रमण्यन ने अपने एक हालिया रिसर्च आर्टिकल में कहा था कि भारत अंतर्मुखी हो रहा है। घरेलू मांग को एक्सपोर्ट से ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। ट्रेड पर पाबंदियों में इजाफा हुआ है। यह एक तरह से तीन दशक पुराने ट्रेंड पर लौटने जैसा है। उन्होंने लिखा था कि भारत को घरेलू बाजार के भ्रामक आकर्षण से बचते हुए एक्पोर्ट बढ़ाने के लिए मजबूती से काम करना चाहिए। इसे हासिल करने के लिए उसे पूरा जोर लगाना चाहिए।
गौरतलब है कि कोरोना संकट के चलते अर्थव्यवस्था में आई मंदी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की लॉन्चिंग की है। सरकार ने इस अभियान के तहत 21 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया है और भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की कोशिशें शुरू की हैं। यही नहीं लघु उद्योगों को बड़े पैमाने पर ऋण देने का भी फैसला लिया गया है ताकि आयात को कम किया जा सके।