दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अगर चार सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट से कोई स्टे नहीं मिलता है तो वह फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को रिलायंस रिटेल के साथ हुए सौदे में आगे बढ़ने से रोकने वाले सिंगल बेंच के आदेश को लागू करेगा। एफआरएल ने 24,713 करोड़ रुपए में अपना कारोबार रिलायंस रिटेल को बेचने के लिए एक सौदा किया है, जिस पर अमरीकी ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन ने आपत्ति जताई है।
सिंगापुर की इंमरजेंसी आर्बिट्रेशन कोर्ट (ईए) द्वारा एफआरएल को सौदे पर आगे बढ़ने से रोकने वाले आदेश को लागू कराने के लिए अमेजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से कोई स्टे नहीं होने पर उनके समक्ष जस्टिस जेआर मिधा द्वारा 18 मार्च को पारित आदेश लागू करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है।
जस्टिस ने कहा कि या तो 18 मार्च के आदेश पर 2-3 सप्ताह के भीतर स्टे प्राप्त करें या आदेश का पालन करें। इस अदालत के पास कोई तीसरा ऑप्शन नहीं है। अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 17 सितंबर को लिस्टेड करते हुए कहा कि मैं यह स्पष्ट करता हूं कि यदि प्रतिवादियों को सुनवाई की अगली तारीख से पहले कोई स्टे ऑर्डर नहीं मिलता है, तो यह अदालत मामले में आगे बढ़ते हुए 18 मार्च 2021 के आदेश को लागू करेगी।
फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) और अन्य संबंधित पक्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने कहा कि 18 मार्च के आदेश के खिलाफ उनके मुवक्किलों द्वारा पहले ही सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की जा चुकी है। एफआरएल का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खंबाटा ने कहा कि उनके मुवक्किल ने आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के सामने एक आवेदन दिया है और सुप्रीम कोर्ट के सामने अपील भी की जाएगी।
अदालत ने कहा कि सिर्फ एसएलपी दाखिल करने से आपको मदद नहीं मिलेगी। आप स्टे ऑर्डर हासिल कीजिए। अन्यथा, मेरे पास केवल एक ही ऑप्शन है कि मैं आदेश को लागू करवाऊं। अमेजन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर न्यायमूर्ति मिधा का आदेश प्रभावी है और इसका पालन किया जाना चाहिए।