RBI ने 17 महीनों के बाद घटाया ब्याज दर, कर्ज लेना हो सकता है सस्ता, 7.4% रह सकती है GDP की रफ्तार
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली समिति ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करने का फैसला लिया है। इससे ब्याज दरों के कम होने की उम्मीद है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ब्याज दरों में कटौती को लेकर बड़ा ऐलान किया है। गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मोनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने तकरीबन 18 महीने के बाद ब्याज दर में कटौती का फैसला किया है। छह सदस्यीय MPC ने 4-2 की बहुमत के साथ रेपो रेट को 25 बेसिस प्वाइंट (.25%) तक कम करने पर सहमति जताई है। RBI के फैसले से रेपो रेट अब 6.25% हो जाएगा। इससे पहले यह 6.50% था। रेपो रेट में पिछली बार अगस्त 2017 में कटौती की गई थी। बता दें कि रेपो रेट वह दर है, जिसपर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। ऐसे में रेपो रेट में कटौती के ऐलान से बैंकों को कम ब्याज पर RBI से पैसा मिल सकेगा। लिहाजा, आमलोगों को भी ब्याज दर में राहत मिलने की उम्मीद है। मालूम हो कि मोदी सरकार पिछले कई मौकों पर रिजर्व बैंक से ब्याज दर में कटौती करने की मांग कर चुकी है, ताकि मार्केट में अपेक्षाकृत आसानी से पैसा (क्रेडिट या लोन) मिल सके।
GDP की रफ्तार 7.4% रहने का अनुमान: आरबीआई की रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था की रफ्तार को लेकर भी अनुमान जताया गया है। सेंट्रल बैंक के अनुमन के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी की रफ्तार 7.4 फीसद रह सकती है। गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुआई में आरबीआई ने महंगाई दर को लेकर भी अनुमान व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 के पहले हाफ में महंगाई दर 3.2 से 3.4 फीसद तक रह सकता है। वहीं, तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा 3.9 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। गवर्नर दास ने मौद्रिक नीति पर आरबीआई की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि महंगाई दर पूर्व में निर्धारित लक्ष्य 4% या उससे नीचे रह सकता है। उन्होंने बताया कि इससे नीतिगत कार्रवाई को लेकर फैसला लेने में आसानी होगी। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक, आधारभूत संरचना पर सरकारी खर्च में वृद्धि से निवेश में भी सुधार आया है।
किसानों को भी दी राहत: आरबीआई गवर्नर ने छोटे किसानों को भी राहत देने का ऐलान किया है। उन्होंने ऐसे किसानों को मिलने वाले कोलेटरल (लोन के एवज में रखवाई जाने वाली संपत्ति) फ्री लोन की सीमा बढ़ाने की घोषणा की है। अब छोटे किसान इसके तहत 1 लाख के बजाय 1.6 लाख रुपए का कृषि लोन ले सकेंगे। शक्तिकांद दास ने बताया कि कोलेटरल फ्री लोन में वृद्धि का फैसला महंगाई दर में वृद्धि को देखते हुए लिया गया। साथ ही उन्होंने बाजार में नकदी की आपूर्ति (लिक्विडिटी) को लेकर भी आश्वस्त किया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बाजार लिक्विडिटी पर सेंट्रल बैंक नजर रखे हुए है और जरूरत पड़ने पर नकदी की आपूर्ति बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा।