रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने आज रेपो रेट का ऐलान कर दिया। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया और इसे 4 फीसदी पर बनाए रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के सदस्यों ने एकमत से रेपो रेट की दरें न बदलने का फैसला किया। साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए उदार रुख बरकरार रखने का फैसला किया। हालांकि, जीडीपी पर बुरी खबर सुनाते हुए दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 9.5 फीसदी तक गिरेगी।
‘कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में’: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोनावायरस और लॉकडाउन का असर अब धीरे-धीरे कम होने लगा है और महामारी के खिलाफ लड़ाई अब अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है और मौजूदा स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। हमें अब अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति में आया मौजूदा उभार अस्थाई है। लेकिन चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान है। उन्होंने कृषि परिदृश्य उज्ज्वल होने की बात कही। साथ ही कच्चे तेल की कीमतें भी दायरे में रहने की उम्मीद जताई है।
चौथी तिमाही तक जीडीपी में सुधार की उम्मीद: जीडीपी चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक कॉन्ट्रैक्शन (गिरावट) के दायरे बाहर आकर फिर से वृद्धि के रास्ते पर आ सकती है। वित्त वर्ष की पहली छमाही के धीमे सुधार को दूसरी छमाही में मिल सकती है गति, तीसरी तिमाही से आर्थिक गतिविधियां बढ़ने लगेंगी। रिजर्व बैंक प्रणाली में संतोषजनक तरलता की स्थिति बनाए रखेगा, अगले सप्ताह खुले बाजार परिचालन के तहत 20,000 करोड़ रुपए जारी किये जायेंगे।
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने अगस्त में भी पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। तब भी रेपो रेट को 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर छोड़ दिया गया था। फरवरी 2019 से अब तक MPC रेपो रेट में 2.5 फीसदी की बड़ी कटौती कर चुका है।
पॉलिसी रेट के ऐलान में इस बार हुई देरी: सरकार ने मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) में 7 अक्टूबर को तीन नए सदस्यों को नियुक्त किया था। इससे पहले पुराने सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने की वजह से पॉलिसी रिव्यू को टालना पड़ा था। पहले पॉलिसी रेट का ऐलान 1 अक्टूबर को होने वाला था। इस बार कमिटी में तीन नए सदस्य हैं।