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अब RBI ने कैंसिल किया इस बैंक का लाइसेंस, जानिए नए कानून के तहत ग्राहकों को कितना पैसा मिलेगा

RBI: आरबीआई ने बीते दो सालों में को-ऑपरेटिव बैंकों पर सख्ती बरती है। इस सख्ती का मकसद ग्राहकों की हितों की रक्षा करना है। इस दौरान आरबीआई ने कई बैकों के लाइसेंस रद्द किए हैं जबकि कई बैंकों पर लाखों-करोड़ों रुपए का जुर्माना लगाया है। अब आरबीआई ने करनाला नागिरी सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस कैंसिल किया है।

RBI, Reserve Bank of India
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सभी बैंकों की निगरानी करता है। तस्वीर केवल प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई है

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) नियमों का पालन नहीं करने पर बैंकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करता है। इसी दिशा में आरबीआई ने महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पनवेल के करनाला नागिरी सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। इसके साथ ही बैंक के कामकाज पर रोक लगा दी गई है।

आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई का विजन नहीं है। इसके अलावा यह सहकारी बैंक बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के कई नियमों का पालन नहीं कर पा रहा है। यदि इस बैंक का संचालन जारी रहना इसके ग्राहकों के हितों के प्रतिकूल है। इस कारण बैंक का लाइसेंस कैंसिल किया गया है। इसके अलावा आरबीआई ने कमिश्नर फॉर को-ऑपरेशन और रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसायटीज को पत्र लिखकर बैंक को बंद करने और लिक्वेडेटर नियुक्त करने के लिए कहा है।

किसी भी प्रकार का लेन-देन नहीं कर सकेगा बैंक: आरबीआई ने अपने बयान में कहा है कि बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के सेक्शन 56 और सेक्शन 5बी के तहत बैंक लेनदेन पर रोक लगाई गई है। अब बैंक ना तो किसी प्रकार की जमा स्वीकार कर सकेगा और ना ही किसी भी प्रकार का भुगतान कर सकेगा।

ग्राहकों को खाते में जमा पांच लाख रुपए तक का भुगतान होगा: आरबीआई ने कहा है कि लाइसेंस कैंसिल होने के बाद अब डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत लिक्विडेशन की प्रक्रिया होगी। इसमें बैंक के ग्राहकों को DICGC एक्ट 1961 के तहत बैंक खाते में जमा पांच लाख रुपए तक की राशि मिलेगी। बैंक की ओर से जमा किए गए डाटा के मुताबिक, 95 फीसदी बैंक ग्राहकों को उनकी पूरी राशि मिल जाएगी। DICGC एक्ट के तहत सरकार ने पिछले साल ही सुरक्षित राशि की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख से 5 लाख रुपए किया था।

दो बैंकों पर लगाया अर्थदंड: नियमों का पालन नहीं करने पर आरबीआई ने दो अन्य बैंकों पर अर्थदंड भी लगाया है। इसमें द ग्रेटर बॉम्बे को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 25 लाख रुपए और जालना पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बयान में कहा गया है कि द ग्रेटर बॉम्बे को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर यह जुर्माना आरबीआई की ओर से फ्रॉड से जुड़े नियमों का पालन नहीं करने पर लगाया गया है। जालना पीपुल्स बैंक पर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से जुड़े नियमों का पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाया गया है।

पिछले दो साल में कई बैंकों पर कार्रवाई: 2019 में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में वित्तीय अनियमितताएं पाए जाने के बाद आरबीआई को-ऑपरेटिव बैंकों पर सख्ती बरत रहा है। बीते दो सालों में आरबीआई ने कई को-ऑपरेटिव बैंकों पर सख्त कार्रवाई की है। इसमें बैंकों का लाइसेंस रद्द होने से लेकर अर्थदंड शामिल है।

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First published on: 14-08-2021 at 10:25 IST
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