PM Kisan Samman Nidhi Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के लाभार्थियों का इंतजार खत्म हो गया है। योजना के तहत आने वाले किसानों को आठवीं किस्त के 2 हजार रुपये भेज दिए गए हैं। अगर आप भी योजना के तहत आते हैं लेकिन अकाउंट में 2 हजार रुपये नहीं आए हैं तो इसे दोबारा ले सकते हैं। इसके लिए आपको शिकायत करनी होगी।
कहां करें शिकायत: अगर आपको पीएम किसान योजना की आठवीं किस्त नहीं मिली है तो इसकी शिकायत हेल्पलाइन नंबर पर कर सकते हैं। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 011-24300606 / 011-23381092 पर कॉल किया जा सकता है। इसके अलावा सोमवार से शुक्रवार तक पीएम-किसान हेल्प डेस्क के ई-मेल pmkisan-ict@gov.in पर संपर्क कर सकते हैं। अपने क्षेत्र के लेखपाल और कृषि अधिकारी से संपर्क कर भी किसान सम्मान निधि के पैसे नहीं आने की बात बता सकते हैं। यहां से भी सुनवाई होती है।
क्यों रुक जाती है किस्तः दरअसल, कई बार लाभार्थी किसान के डॉक्युमेंट में कोई गलती या किसी अन्य तरह की समस्या होती है। इस वजह से किस्त में दिक्कत होती है। ऐसे किसानों की समस्या को दूर करने के लिए पोर्टल में हेल्पडेस्क ऑप्शन दिया गया है। इस हेल्प डेस्क पर आप अपनी डॉक्युमेंट से जुड़ी गलतियों को दूर कर सकते हैं।
किन्हें नहीं मिलती है रकम: किसी भी सेवानिवृत्त कर्मचारी या पेंशनभोगी जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये या उससे अधिक है, वो इस योजना के लाभार्थी नहीं बन सकते हैं। इसके अलावा रजिस्टर्ड डॉक्टर्स, इंजीनियरों, वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट के अलावा उनके परिवार के लोग भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं।
20 हजार करोड़ रुपये से अधिक ट्रांसफर: आपको बता दें कि आठवीं किस्त के तहत 9 करोड़ 50 लाख से ज्यादा लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक ट्रांसफर किए गए हैं। योजना के तहत केंद्र सरकार छोटे और सीमांत किसानों को साल में 6000 रुपये आर्थिक सहायता देती है। ( PM Kisan Samman Scheme का लाभ अब उन्हीं किसानों को जिनके नाम पर है खेत, जानें शर्तें )
यह राशि सीधे खातों में जमा की जाती है। 6000 रुपये की यह 2000-2000 की तीन किस्तों में जमा की जाती है। पहली किस्त 1 दिसंबर से 31 मार्च के बीच आती है, जबकि दूसरी किस्त 1 अप्रैल से 31 जुलाई और तीसरी किस्त 1 अगस्त से 30 नवंबर के बीच में किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। (PM Kisan सम्मान निधि स्कीम में सख्ती की तैयारी, बजट कटौती से मिले संकेत)