स्वरोजगार करने के काफी सारे फायदे हैं, लेकिन इससे जुड़ा एक सबसे बड़ा जोखिम होता है पैसों की अनिश्चितता। यहां वेतन पाने वाले लोगों की तरह स्वतंत्रता नहीं होती कि हर महीने आपके खाते में एक निश्चित राशि आ जाती है। आपको कर्मचारियों की तरह रिटायरमेंट होने पर कोई भी ग्रेच्युटी या फिर पीएफ फंड का फायदा भी नहीं मिलता।
खुद का व्यापार होने के कारण आपको सारी जिम्मेदारियां खुद उठानी पड़ती हैं और आपको किसी भी वक्त पैसों की जरूरत पड़ सकती है ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि ऐसा फंड हमेशा मौजूद वह जिसका किसी भी इमरजेंसी में बिना व्यापार को प्रभावित किए आसानी से इस्तेमाल कर सके।
इमरजेंसी फंड: आसान भाषा में कहें तो इमरजेंसी फंड वह राशि होती है जिसका उपयोग हम किसी भी मुश्किल परिस्थिति में आसानी से कर सकते हैं। जानकारों के अनुसार हर व्यक्ति के पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए इमरजेंसी फंड होना जरूरी है। यह फंड आपके मासिक खर्चों के कम से कम 6 महीने के बराबर होना चाहिए।
इमरजेंसी फंड को कहां निवेश करना चाहिए?: इमरजेंसी फंड को ऐसी जगह पर रखना चाहिए, जहां पर आप आसानी से उस निवेश को निकाल सके। इसके लिए सबसे बेहतर विकल्प है कि आप इसे अपने सेविंग अकाउंट में रखें या फिर फ्लेक्सी-स्वीप-इन – डिपॉजिट फैसिलिटी अपने बैंक अकाउंट पर लगवा लें, जिससे जरूरत पड़ने पर आप उस राशि का उपयोग कर सकें।
हेल्थ इंश्योरेंस: आज के दौर में हेल्थ इंश्योरेंस किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी है। यह आपको किसी भी आकस्मिक वित्तीय खर्चे से बचाएगा और आपके परिवार को सुरक्षा प्रदान करेगा। देखा गया है कि कई बार हेल्थ इंश्योरेंस न होने की वजह से परिवारों की सारी जमा पूंजी इलाज में खर्च हो जाती है।
टर्म इंश्योरेन्स: भारत में देखा गया है कि कई बार लोग इंश्योरेंस को एक निवेश के रूप में देखते हैं लेकिन हमें यहां पर यह समझना जरूरी है कि इंश्योरेंस किसी भी जोखिम को हटाने के लिए किया जाता है और निवेश अधिक रिटर्न पाने के लिए। दोनों को अलग अलग रखना बेहद जरूरी है। टर्म इंश्योरेंस आपको बेहद छोटी राशि में एक बड़ा इंश्योरेंस कवर देता है जो किसी भी अनहोनी की इस स्थिति में आपके परिवार को आर्थिक सहायता देगा।