भारत में एफडी बचत करने एक प्रचलित विकल्प है। लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई बैंक में इसलिए जमा कराना पंसद करते हैं क्योंकि यह निवेश का सुरक्षित विकल्प है, जिसमें आपको सेविंग अकाउंट की तुलना में लगभग दोगुना ब्याज मिलता है। ऐसे में अगर आप भी कोई एफडी कराने की सोच रहे हैं तो आपको आरबीआई (RBI) की ओर से एफडी में नियमों में किये गए बदलाव की भी जान लेना चहिए अन्यथा आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
RBI का नया नियम: जानकारी के अनुसार, आरबीआई ने हाल में एफडी के नियमों को लेकर बड़ा बदलाव किया है। नए नियमों के मुताबिक यदि आप अपनी एफडी की अवधि पूरी होने के बाद भी उसकी निकासी नहीं करते हैं तो आपको मौजूदा जमा रकम पर एफडी की तरह नहीं बल्कि सेविंग अकाउंट पर चल रही ब्याज दर या फिर एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर जो भी कम होगी उसका भुगतान किया जाएगा। यह नियम देश के सभी प्राइवेट बैंक, सरकरी बैंक, को- ऑपरेटिव बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ सभी लोकल रीजनल बैंक पर लागू होगा।
उदाहरण के लिए यदि आप 6 फीसदी की दर पर बैंक में एक लाख रुपए की एफडी 5 साल के लिए कराते हैं तो पांच साल तक हर साल 6 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगी। वहीं, अगर आप 5 साल बाद अपना पैसा नहीं निकालते हैं तो आपको बैंक ओर से रकम जमा रहने की अवधि तक सेविंग अकाउंट पर चल रही ब्याज दर या फिर एफडी पर मिलने वाली ब्याज जो भी कम होगी उसका भुगतान किया जाएगा।
क्या था पुराना नियम: पुराने नियम के मुताबिक, अगर आप एफडी की अवधि पूरी होने के बाद भी निकासी नहीं करते हैं तो बैंक आपकी एफडी पर अवधि पूरी होने के बाद उसे उतनी ही अवधि के लिए दोबारा आगे बढ़ा देते थे, जिसे आपने एफडी शुरू कराते समय चुना था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।