Income Tax Return (ITR) भरने के झंझट से मुक्ति देने का केंद्र सरकार का फैसला अमल में आ चुका है। यह फैसला 75 साल या इससे ज़्यादा उम्र के उन बुजुर्गों पर लागू हुआ है जिनकी आमदनी सिर्फ पेंशन व ब्याज से है। अगर इनकी आमदनी पर टैक्स बनेगा तो संबंधित बैंक टैक्स काट लेगा। इसके लिए टैक्स रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी।
2021-22 के बजट भाषण में की गई थी घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) ने साल 2021-22 के बजट भाषण में आजादी के 75 साल होने के मद्देनज़र 75 या इससे ज़्यादा उम्र के बुजुर्गों को टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करने की सुविधा देने की घोषणा की थी। अब नया बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्रालय एक-एक कर उन घोषणाओं और उन पर अमल की स्थिति के बारे में बता रहा है जो पिछले बजट भाषणों में हुई थीं।
सरकार की ओर से एक ट्वीट के माध्यम से बताया गया, “आयकर अधिनियम, 1961 में धारा 194P शामिल की गई, जो 75 वर्ष से अधिक आयु के उन वरिष्ठ नागरिकों को ITR दाखिल करने से छूट देती है, जिनके पास केवल पेंशन और ब्याज से अर्जित आय है। संबधित बैंकों को भी इस बारे में जानकारी दे दी गई है और इससे जुड़े कागजात भी जारी कर दिए गए हैं।” (यह भी पढ़ें: जानिए कब और किसे आता है सेक्शन 143(1) का नोटिस)
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194P अब अमल में आ चुकी है। साथ ही, इनकम टैक्स रूल 31, रूल 31A, फॉर्म 16 और 24Q में भी जरूरी बदलाव किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट में घोषणा की थी। उसके अनुसार वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करने के दायरे से बाहर रखा गया है। इस टैक्स छूट के बाद 75 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य नहीं है। जिस बैंक में उनका खाता है, उनकी आय पर जो भी टैक्स बकाया है, वह काट लेगा। आयकर रिटर्न (income tax return) भरने से छूट पाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को 12 बीबीए फॉर्म भरकर अपने बैंक में जमा कराने होंगे।
बता दें कि मोदी सरकार इस साल अपना दसवां बजट पेश करेगी। 2014 से अब तक मोदी सरकार ने केवल एक बार ही इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया है। ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि इस बार सरकार आयकर में राहत देगी।