सरकारी बैंकों (पब्लिक सेक्टर बैंक) की तरह निजी (प्राइवेट) बैंकों में भी जीरो बैलेंस वाला खाता खुल जाता है। अगर आप भी आसान बैंकिंग और बेहतरीन कस्टमर सेवाओं के लिहाज से किसी प्राइवेट बैंक में जीरो बैलेंस वाला बचत खाता (Zero Balance Savings Account) खुलवाना चाहते हैं तो उससे पहले आपको उससे जुड़े नियम और जरूरी बातें जान लेनी चाहिए।
मान लीजिए कि आप आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) में यह खाता (Basic Savings Bank Account) खुलवाना चाहते हैं, तब आपको भारतीय होने के साथ 18 साल का होना जरूरी है। एनआरआई इस तरह का अकाउंट नहीं खुलवा सकते हैं। साथ ही अपने या किसी और बैंक में कस्टमर के नाम से कोई और खाता नहीं होना चाहिए।
बचत खाता खुलवाने के लिए नो योर कस्टमर (केवाई) दस्तावेज भी पूरे करने होते हैं, जिसमें बैंक की बताई लिस्ट के अनुसार एक फोटो आईडी प्रूफ, पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ, खाता खुलवाने वाला फॉर्म और डिक्लरेशन फॉर्म (खाताधारक की ओर से) जमा करना होता है।
इंट्रेस्ट की बात करें तो जीरो बैलेंस वाले बचत बैंक खाते के ब्याज की गणना दैनिक आधार पर की जाती है। इसे खाते में डेली क्लोजिंग बैलेंस (दैनिक समापन शेष) पर भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक द्वारा निर्दिष्ट दर पर की जाती है। गणना की गई ब्याज राशि को राउंड ऑफ (निकटतम रुपए) में पूर्णांकित किया जाता है। आईसीआईसीआई बैंक में मौजूदा समय में सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज दर तीन फीसदी से शुरू होती है।
चूंकि, आईसीआईसीआई बैंक का बेसिक सेविंग्स बैंक अकाउंट जीरो बैलेंस वाला है, इसलिए इसमें महीने में कोई मिनिमम बैलेंज नहीं रखना पड़ता है। न ही उससे जुड़े कोई शुल्क काटे जाते हैं। पासबुक और स्टेटमेंट सुविधा भी फ्री में मिलती है। हालांकि, डेबिट कार्ड की सीमा एक दिन में खर्चने/निकासी की सिर्फ 10 हजार रुपए होती है। अच्छी बात है कि यहां इस खाते में डेबिट कार्ड के लिए कोई एनुअल फीस (वार्षिक शुल्क) भी नहीं लिया जाता है।
आईसीआईसीआई बैंक की तरह कुछ और प्राइवेट बैंक भी हैं, जो जीरो बैलेंस वाले खाते खोलने का मौका देते हैं। एक नजर में जानिए, उनमें क्या फीचर्स मिलते हैं:

