देश में आयकर विभाग की ओर से अलग-अलग तरह से टैक्स लगाया जाता है। कई तरह की आमदनी पर कर भुगतान करने का नियम अलग-अलग है। वर्क फ्रॉम होम की सुविधा होने से कोई भी नागरिक कहीं से भी नौकरी कर सकता है। ऐसे में भारत से कोई भी विदेश से भी आय कमा सकता है। हालांकि इसपर लोगों को टैक्स का भुगतान करना पड़ सकता है।
अगर आप भी विदेशों से धन प्राप्त कर रहे हैं तो आइए जानते हैं इसपर कितना टैक्स लगाया जा सकता है और इस तरह के राशि पर टैक्स कैलकुलेट किस प्रकार से किया जाएगा।
TDS के समान टैक्स
अगर आप विदेश से धन प्राप्त कर रहे हैं तो वहां के नियम के अनुसार, आपकी आय पर टीडीएस के समान टैक्स वसूला जा सकता है। यह टैक्स 10 फीसदी से 20 फीसदी तक हो सकती है। इस कारण, आय से पहले वहां के टैक्स नियम को समझना जरूरी है।
टैक्सेशन के लिए रुपये में ट्रांसफर
आयकर नियम के अनुसार, विदेशी मुद्रा आय को भारतीय रुपये में बदलने के लिए अलग से टैक्स लगाया जाता है। आय की प्रकृति के आधार पर, अलग-अलग तिथियां तय की गई हैं। यह नियम तब भी लागू होता है जब भारत में कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया जाता है। इस कारण टैक्सपेयर्स को सुनिश्चित करना चाहिए कि यह कर तय समय के दौरान ट्रांसफर कराए जा रहे हैं।
भुगतान किए गए विदेशी करों का क्रेडिट
आयकर कानून उन निवासी करदाताओं को राहत प्रदान करते हैं, जिन्हें किसी विदेशी देश में कर का सामना करना पड़ा है। इसका मतलब यह है कि किसी विदेशी देश में रोके गए करों के लिए भारत में टीडीएस क्रेडिट के दावे के समान दावा किया जा सकता है। हालाँकि, यह राहत भारत में करदाता की कर देनदारी को कम करने में मदद कर सकती है।
फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के बाहर से अर्जित आय पर टैक्स भुगतान भारत में अर्जित आय से बहुत अलग नहीं है। यह आय का स्रोत दूसरे देश में है, इसलिए संभावना है कि आय पर विदेश में भी कर लगाया जा सकता है।
आमदनी पर विदेशी में अन्य शुल्क
विदेशी मुद्रा में अर्जित वेतन के लिए, उस दिन की एसबीआई टीटी खरीद दर का उपयोग करके रुपये में परिवर्तित करने पर अलग से टैक्स लगाया जा सकता है। वहीं किसी विदेशी देश में रोके गए करों के लिए भारत में क्रेडिट का दावा किया जा सकता है। लेकिन किसी विदेशी भूमि में भुगतान किए गए अतिरिक्त करों पर रिफंड का दावा नहीं किया जा सकता है।