अब विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए घर पैसे भेजना बहुत आसान होने वाला है। यूपीआई (Unified Payment System) को बनाने वाली सरकारी कंपनी एनपीसीआई (National Payment Corporation of India) एक ऐसे सिस्टम पर काम कर रहा है जिसकी मदद से भारतीयों के लिए भारत पैसे भेजना बेहद सरल हो जाएगा।
मौजूदा समय में विदेशों में रहने वाले 3.2 करोड़ भारतीय विदेशों से भारत धन भेजते हैं और इस पर खर्चा भी काफी अधिक आता है। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड के सीईओ रितेश शुक्ला ने बताया कि वर्ल्ड बैंक के टाटा ट्रैकर के अनुसार, विदेशों से पैसा भेजने के मामले में भारतीय नंबर वन है। पिछले साल विदेशों से भारतीयों ने 87 बिलियन डॉलर भेजे थे और इंटरनेशनल रेमिटेंस रेट के अनुसार 200 डॉलर एक देश से दूसरे देश में भेजने पर करीब 13 डॉलर की लागत आती है, जो काफी अधिक है।
उन्होंने आगे कहा कि हमने भारत में बहुत हद तक नकद का इस्तेमाल कम कर दिया है अब हमारी कोशिश इसे सरहद के पार ले जाकर दोबारा से दोहराने की है। हमारे इस सिस्टम के जरिए बड़ी संख्या में विदेशों में रहने वाले भारतीय सीधे अपने खातों में पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे। इससे उन लोगों को भी फायदा होगा जो काम के सिलसिले में अक्सर विदेश जाते रहते हैं।
शुक्ला ने कहा कि एनपीसीआई की ओर से लाया जाने वाला इंटरनेशनल पेमेंट सिस्टम भारतीयों को SWIFT के बदले एक घरेलू विकल्प प्रदान करेगा। साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि इसका उद्देश्य मौजूदा पेमेंट सिस्टम को हटाना नहीं है। मौजूदा समय में एनपीसीआई द्वारा बनाए गए यूपीआई पर 330 बैंकों समेत 25 ऐप काम करते हैं, इसमें गूगल पे, व्हाट्सएप जैसे बड़े ऐप भी शामिल हैं, जिसकी मदद से भारत को 3 ट्रिलियन डॉलर वाले डिजिटल लेनदेन का मार्केट बनाने में मदद मिली है।
शुक्ला ने आगे कहा कि एनपीसीआई यूपीआई को अन्य देशों के पेमेंट सिस्टम के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा है, जिससे डिजिटल लेनदेन में और देशों को भी हम अपनी कामयाबी दिखा सकें। हम दुनियाभर में अन्य देशों, फिनटेक कंपनियों और सर्विस प्रोवाइडर के साथ बातचीत कर रहे हैं इसका उद्देश्य है कि लेन-देन में आने वाली लागत को घटाया जा सके और छोटी टिकट साइज के लेनदेन को बढ़ावा दिया जाए।