हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल-टेक फर्म OYO की वित्त वर्ष बल्ले-बल्ले होने वाली है। OYO ने अगले वित्त वर्ष 5700 करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान जताया है। OYO संस्थापक और सीईओ रितेश अग्रवाल (Founder & Group CEO Ritesh Agarwal) के अनुसार FY23 में कंपनी के राजस्व का अनुमान 5,700 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है, जो FY23 में दर्ज 4,780 करोड़ रुपये से 19 प्रतिशत अधिक है। सोमवार को एक टाउन हॉल में रितेश अग्रवाल ने फर्म के कर्मचारियों से कहा कि OYO अगले वित्तीय वर्ष में लगभग 800 करोड़ रुपये के समायोजित EBITDA तक पहुंच सकता है।
रितेश अग्रवाल ने कर्मचारियों से प्रेजेंटेशन के दौरान कहा कि भारत, इंडोनेशिया, अमेरिका और ब्रिटेन में निरंतर विकास और प्रासंगिक अनुकूलन के साथ-साथ इसके यूरोपीय वेकेशन होम व्यवसाय में तालमेल से कंपनी की वित्तीय स्थिति बेहतर हुई है। उन्होंने कहा, “वित्त वर्ष 2023 के लिए OYO का राजस्व 5,700 करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2022 में प्राप्त 4,780 करोड़ रुपये से लगभग 19 प्रतिशत अधिक है।”
रितेश अग्रवाल ने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2023 में ओयो का मुख्य फोकस एबिटडा में लगातार गति के साथ-साथ टैक्स के बाद लाभ (Profit After Tax) पर होगा। EBITDA ब्याज, टैक्स, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कंपनी को FY22 में 1.69 लाख की तुलना में FY23 में 1.72 लाख से अधिक स्टोरफ्रंट होने की उम्मीद है, जो लगभग 2 प्रतिशत की वृद्धि है।
संपर्क करने पर OYO के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। रितेश अग्रवाल ने कर्मचारियों को बताया कि OYO के पास 2,700 करोड़ रुपये का मौजूदा कैश बैलेंस है और कंपनी को उम्मीद है कि वह मौजूदा परिचालन के लिए इसका बहुत कम खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि नकदी प्रवाह में सुधार के साथ बाहरी फंडों पर OYO की निर्भरता भी समय के साथ धीरे-धीरे कम हुई है।
कंपनी ने अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अपडेट में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ फाइलिंग में FY2023 की पहली छमाही में 63 करोड़ रुपये के समायोजित EBITDA की सूचना दी। जनवरी में OYO को सेबी द्वारा कुछ अपडेट के साथ ड्राफ्ट आईपीओ (Initial Public Offering) कागजात को फिर से फाइल करने के लिए कहा गया था। सितंबर 2021 में OYO ने सेबी के साथ 8,430 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए प्रारंभिक दस्तावेज दाखिल किए थे।
उस समय की अस्थिर बाजार स्थितियों के कारण आईपीओ में देरी हुई थी। कंपनी शुरू में लक्षित 11 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बजाय लगभग 7-8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कम मूल्यांकन के लिए तैयार हो गई थी।