भारत की कुल संपत्ति का 40 फीसदी महज देश के एक प्रतिशत लोगों के पास है। जबकि देश के कुल 50 फीसदी आबादी के पास केवल 3 फीसदी संपत्ति है। यह जानकारी समाजसेवी संगठन ऑक्सफैम (Oxfam) इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट में आई है। इसके साथ ही संगठन ने आर्थिक गैर-बराबरी को कम करने के लिए बजट में उपाय किए जाने की मांग भी की है।
अरबपतियों की दौलत में 121 फीसदी का इजाफा
इस रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2020 से लेकर नवंबर 2022 तक अरबपतियों की दौलत में 121 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत के सबसे रईस लोगों की दौलत 54 लाख 12 हजार करोड़ रुपए है। इस हिसाब से अगर देखे तो भारत के अरबपतियों की संपत्ति महामारी के दौरान हर दिन 3608 करोड़ रुपए बढ़ी है।
वहीं इस रिपोर्ट के मुताबिक अरबपतियों की संपत्ति में तो वृद्धि हुआ है लेकिन टैक्स में उनका योगदान काफी कम है। 2021-22 के दौरान जीएसटी के जरिए सरकार ने लगभग 15 लाख करोड़ रुपए जुटाए। लेकिन इसमें देश के 10 फीसदी अमीर लोगों का योगदान महज 3 प्रतिशत रहा। जबकि 64 फीसदी योगदान उन लोगों का रहा, जो देश के सबसे कमजोर 50 फीसदी तबके में आते हैं।
रिपोर्ट पेश करने के दौरान ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ (Oxfam India CEO) अमिताभ बेहर ने कहा देश के असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को ऐसे सिस्टम की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जो अमीर लोगों के पक्ष में झुका हुआ है। उन्होंने कहा, “गरीब अपनी आमदनी की तुलना में कहीं ज्यादा टैक्स चुका रहा है। अब समय आ गया है कि अमीरों पर इस तरह से टैक्स लगाया जाए, जिससे वे अपनी संपत्ति के हिसाब से टैक्स का भुगतान करें।” (यह भी पढ़ें: अडानी ग्रुप ने एनडीटीवी का अधिग्रहण किया है।)
बता दें कि पिछले 1 साल में गौतम अडानी दुनिया में सबसे तेजी से कमाई करने वाले अरबपतियों में शामिल हुए हैं। गौतम अडानी (Gautam Adani) वर्तमान में दुनिया के तीसरे नंबर के सबसे अमीर व्यक्ति हैं जबकि दूसरे नंबर पर एलन मस्क (Elon Musk) हैं। वहीं भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) दुनिया में सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में नौवें नंबर पर हैं।