कोयले का विकल्प बनेगा बांस! नितिन गडकरी ने बताया सरकार का पूरा प्लान
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि वह बांस और बांस के डंडे के लिए रेलवे से 50 फीसदी सब्सिडी लेने की कोशिश कर रहे हैं।

Nitin Gadkari expressed hope bamboo industry: बीते कुछ सालों से केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी बांस के कारोबार को बढ़ावा पर जोर दे रहे हैं। इसी के तहत उन्होंने बताया है कि आने वाले समय में कोयले का विकल्प बांस बन सकता है।
बांस की मांग बढ़ाने की जरूरत: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि बांस की मांग बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोयले के विकल्प के रूप में बांस का उपयोग करने की क्षमता है और इसका उपयोग निर्माण कार्यों में भी किया जा सकता है। नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि जल्द ही सभी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की सड़कों के लिए जूट और कॉयर मैट्रेसेज का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने जूट, कॉयर और बांस जैसी पारंपरिक सामग्रियों के और अधिक विकास की वकालत की।
बांस उद्योग 25-30 हजार करोड़ रुपये का हो जाएगा: नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने उम्मीद जताई कि सभी के प्रयासों से भारत में बांस उद्योग (Bamboo Industry) 25-30 हजार करोड़ रुपये का हो जाएगा। लागत प्रभावी और आकर्षक उत्पाद डिजाइनों से बांस का उपयोग और इसकी मांग बढ़ सकती है जिससे लोगों को बांस रोपण का भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बांस को बढ़ावा देने से संबंधित किसी भी योजना के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय से सभी सहायता का आश्वासन दिया।
रेलवे से सब्सिडी लेने की कोशिश : नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि वह बांस और बांस के डंडे के लिए रेलवे से 50 फीसदी सब्सिडी लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बांस के उपयोग और आवश्यकता को बढ़ाने से इसके रोपण में ग्रोथ होगी। उन्होंने कहा कि बांस का इस्तेमाल बायो-सीएनजी और चारकोल बनाने के लिए भी किया जा सकता है और आईआईटी को बांस मिशन के विशेष अनुदानों की मदद से इस पर आगे रिसर्च करने के लिए शामिल किया जा सकता है।
इससे पहले, नितिन गडकरी पूर्वोत्तर राज्यों में राजमार्गों के साथ बांस के पेड़ लगाकर रोजगार के 2 लाख अवसरों का सृजन करने की योजना के बारे में भी जानकारी दे चुके हैं। उन्होंने एक बयान में बताया था कि बांस अरुणाचल प्रदेश और अन्य क्षेत्रों में उपलब्ध है। गडकरी के मुताबिक उन्होंने आयातकों से कहा है कि वे इसकी खेती करें।