कानून पूरी गंभीरता से लागू हो तो 2जी, सत्यम जैसे घोटाले नहीं होंगे: एनसीएलटी
न्यायमूर्ति एमएम कुमार ने कहा कि अमेरिका में दिवाला कानून काफी कड़े हैं और माल्या जैसे मामले वहां नहीं हो सकते।

नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एमएम कुमार ने शनिवार (17 सितंबर) को कहा कि दिवाला एवं शोधन अक्षमता समेत अन्य कानूनों का सही तरीके से पालन हो तो देश में फिर 2जी और सत्यम जैसे घोटाले नहीं होंगे। उद्योग मंडल फिक्की द्वारा यहां दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता, 2016 पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘सत्यम या 2जी जैसे घाटाले दोबारा नहीं होंगे, अगर कानून का सही तरीके से क्रियान्वयन हो तो इन चीजों के होने की संभावना नहीं है।’
न्यायमूर्ति कुमार ने कहा कि अमेरिका में दिवाला कानून काफी कड़े हैं और माल्या जैसे मामले वहां नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि अगर कानून का ईमानदारी से पालन हो, ये सब यहां भी नहीं होगा। कानून का क्रियान्वयन एक गंभीर चुनौती है। एनसीएलटी का गठन पिछले महीने हुआ और इसने कंपनी लॉ बोर्ड (सीएलबी) का स्थान लिया है। एनसीएलटी अध्यक्ष ने कहा कि दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता में पेशेवर की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने विश्वास जताया कि शोधन अक्षमता पेशेवरों का चयन का काम एजेंसियों को दिया जाना चाहिए।
सत्यम घोटाला सबसे बड़ी कॉरपोरेट धोखाधड़ी है जिसमें 12,320 करोड़ रुपए की वित्तीय गड़बड़ी हुई। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने कंपनी कानून, 2013 के तहत एनसीएलटी और उसका अपीलीय न्यायाधिकरण को एक जून को अधिसूचित किया। इसकी स्थापना राष्ट्रीय राजधानी, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद तथा चेन्नई समेत 10 स्थानों पर हुई है।