अब कूड़े से बिजली बनाने की तैयारी कर रही मुकेश अंबानी की RELIANCE INDUSTRIES
रिलायंस इंडस्ट्रीज की पेट्रोकेमिकल्स डिविजन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ने कहा कि कंपनी को स्टार्टअप से कुछ आवेदन भी मिले हैं और हम इसके लिए एक मॉडल पर भी काम कर रहे हैं।

रिलायंस इंडस्ट्रीज अब कूड़े से बिजली बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कंपनी ग्लोबल और डोमेस्टिक स्तर पर इस क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप्स के साथ हाथ मिला सकती है। ये स्टार्टअप्स रिलायंस की मदद कर इस क्षेत्र की बुनियादी जरूरतों और कूड़े से उर्जा कैसे बनाई जाए इसके लिए मदद करेंगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज की पेट्रोकेमिकल्स डिविजन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर विपुल शाह के मुताबिक कंपनी वेस्ट सेगरेशन, रिसाइकलिंग और वेस्ट टू एनर्जी के लिए फंड और मौजूदा तकनीक का इस्तेमाल करना चाह रही हैं।’
शाह ने कहा कि कंपनी को स्टार्टअप्स से कुछ आवेदन भी मिले हैं और हम इसके लिए एक मॉडल पर भी काम कर रहे हैं। यह एक बौद्धिक संपदा होगी जो कि संयुक्त स्वामित्व वाली होगी। हम देशवासियों को इसके जरिए बेहरतरीन सर्विस देने का प्रयास करेंगे। मालूम हो कि रिलायंस इंडस्ट्रीज इस्तेमाल में लाई जा चुकी प्लासिटक बोतलों से भी कपड़ा बना रही है। कंपनी ने पिछले साल ही 2 बिलियन PET बोतलों का इस्तेमाल कर कपड़ों का निर्माण किया है, जिसे अगले कुछ सालों में पांच बिलियन करने की योजना है।
उल्लेखनीय है कि समुद्र के किनारों पर प्लास्टिक के कूड़े की वजह से रोजाना हजारों किलों का कचरा इकट्ठा हो रह है जो कि पूरे विश्व के लि चिंता का विषय है। दुनिया के सबसे बड़ी प्लास्टिक रीसाइक्लिंग मार्केटप्लेस Scrapo जैसी कंपनियां उन कंपनियों की मदद करती है जो इस क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहते हैं। भारत में मौजूद नागरपालिकाएं तकनीक का सहारा लेकर कूड़ा इकट्ठा करवा रही हैं।
ऐसे में अगर रोबोट के जरिए कूड़े में मौजूद अन्य मैटेरियल को ढूंढ़ निकाला जाए तो लैंडफिल कचरे में 90 प्रतिशत की कमी आएगी। वर्ल्ड बैंक के एक अनुमान के मुताबिक 2016 से 2050 के बीच पूरे विश्व में कूड़े की मात्रा में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के बाद कार्डबोर्ड और अन्य पैकिंग के ढेर के चलते धरती को बहुत नुकसान हो रहा है और आने वाले वर्षों में इसमें बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।