भारतीय रिटेल सेक्टर (Indian Reatail Sector) में जारी वर्चस्व की जंग में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने जेफ बेजोस (Jeff Bezos) को एक और पटखनी दे दी है। अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) बिग बाजार (Big Bazaar) चलाने वाली कंपनी फ्यूचर ग्रुप (Future Group) को खरीदने के एक कदम और करीब पहुंच गई है। एनसीएलटी (NCLT) ने फ्यूचर ग्रुप की कंपनियों को सौदे पर शेयरधारकों और कर्जदाताओं की मंजूरी लेने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति ऐसे समय दी गई है, जब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सौदे के खिलाफ अमेजन (Amazon) की याचिका लंबित है।
बैठक में सौदे को मंजूरी देंगे Future Group के शेयरधारक
राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण की मुंबई पीठ (NCLT Mumbai Bench) ने मंगलवार को एक आदेश में यह अनुमति दी। एनसीएलटी मुंबई ने कहा कि रिलायंस रिटेल लिमिटेड (Reliance Retail) के साथ सौदे पर शेयरधारकों और कर्जदाताओं की मंजूरी लेने के लिए फ्यूचर ग्रुप की कंपनियां एक्सट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग कर सकती हैं। एनसीएलटी ने फ्यूचर ग्रुप से कहा कि वह इस बैठक के लिए तारीख तय करे।
फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल (Future Retail) ने इस बारे में एक बयान में बताया कि एनसीएलटी ने अमेजन के इंटरवेंशन आवेदन को दरकिनार कर दिया। कंपनी ने एनसीएलटी की अनुमति पर खुशी जताते हुए शेयर बाजारों को भी इससे अवगत करा दिया।
Indian Retail Sector में दिग्गजों की जंग
भारत का रिटेल सेक्टर लगातार बढ़ रहा है। इसे दुनिया के सबसे आकर्षक बाजारों में से एक माना जा रहा है। यही कारण है कि अमेजन और वॉलमार्ट (Wallmart) जैसे रिटेल के अंतरराष्ट्रीय दिग्गज भी यहां पैर पसारने के प्रयास में हैं। रिलायंस और टाटा (Tata) जैसे भारतीय कॉरपोरेट घराने भी रिटेल बाजार पर हिस्सेदारी कब्जाने की जंग में कूदे हुए हैं।
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साल भर से लटका है Reliance-Future Deal
जहां वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट (Flipkart) को खरीदकर अपनी ठोस उपस्थिति बना ली है, वहीं मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज बिग बाजार चलाने वाली कंपनी फ्यूचर रिटेल को खरीद अपना दबदबा बढ़ाना चाहती है। जेफ बेजोस की अमेजन रिलायंस और फ्यूचर के सौदे को रोकने का हरसंभव प्रयास कर रही है। रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप ने पिछले साल अगस्त में करीब 25 हजार करोड़ रुपये के सौदे की घोषणा की थी, लेकिन अमेजन की मुकदमेबाजी के चलते अभी तक सौदा अधर में लटका हुआ है।