ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया की जांच को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद अब सरकार ने भी सख्त रूख अपनाना शुरू कर दिया है। अब सरकार ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए एक स्वतंत्र रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाने पर विचार कर रही है। यह रेगुलेटर सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) जैसी होगी।
सरकार की ओर से शुक्रवार देर शाम को जारी बयान के मुताबिक, सरकार ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) गठित करने की योजना बना रही है। यह प्लेटफॉर्म सेलर्स और लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर्स को बायर्स से कनेक्ट करने में मदद करेगा। वाणिज्य मंत्रालय की एडवाइजरी कमेटी की बैठक के बाद जारी में कहा गया है कि यह ONDC इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 और संभावित पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल के प्रावधानों के अनुसार डिजाइन किया जाएगा। इस रेगुलेटर का मकसद सभी को कारोबार के समान अवसर और ई-कॉमर्स सेक्टर को प्रतियोगी बनाना है।
डिजिटल कॉमर्स में मोनोपॉली खत्म होगी: बैठक के बाद वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रस्तावित ओपन नेटवर्क ऑप डिजिटल कॉमर्स से देश में डिजिटल कॉमर्स में मोनोपॉली खत्म होगी। कंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह ONDC उत्पादों और सेवाओं दोनों के लिए काम करेगा। बैठक के दौरान गोयल ने ONDC के लिए कुछ गाइडलाइंस, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्टक, साइज और सिद्धांतों को लेकर भी कुछ सुझाव दिए। गोयल ने ONDC में सिक्युरिटी और डाटा प्राइवेसी को सुनिश्चित करने के लिए कहा।
सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ी शिकायतों पर सुनवाई होगी: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ONDC यूपीआई जैसा प्लेटफॉर्म होगा। इसमें डिजिटल कॉमर्स से जुड़े सभी प्लेटफॉर्म्स की शिकायतों पर सुनवाई होगी। इससे माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज और स्मॉल ट्रेडर्स को सपोर्ट मिलेगा और उन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाने में मदद मिलेगी।
पिछले महीने गठित की गई थी एडवाइजरी कमेटी: डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने पिछले महीने एक एडवाइजरी कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलकेणी, नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ आरएस शर्मा समेत कई एक्सपर्ट को शामिल किया गया है।