India CPI Inflation, IIP Growth Rate: आर्थिक मोर्चे पर दो आंकड़ों से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। दरअसल, महंगाई की दर में नरमी आई है तो वहीं औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई है। ये इकोनॉमी के लिहाज से पॉजिटिव खबर है।
जनवरी में खुदरा महंगाई नरम: जनवरी में खुदरा महंगाई नरम होकर 4.06 प्रतिशत पर आ गयी । इसका मुख्य कारण सब्जियों की कीमतों में कमी आना है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इससे एक माह पहले दिसंबर 2020 में 4.59 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वर्ग में कीमतों में सालाना आधार पर वृद्धि की दर जनवरी 2021 में 1.89 प्रतिशत रही। दिसंबर 2020 में खाद्य मुद्रास्फीति 3.41 प्रतिशत थी। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति तय करते समय खुदरा मुद्रास्फीति की दर पर गौर करता है।संसद ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत रखने की नीतिगत जिम्मेदारी दी। इसमें कुछ समय के लिए दो प्रतिशत के दायरे में घट-बढ हो सकती है।
औद्योगिक उत्पादन में एक प्रतिशत की वृद्धि: देश के औद्योगिक उत्पादन में दिसंबर में एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार दिसंबर 2019 में औद्योगिक उत्पादन में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़े के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में दिसंबर 2020 में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
खनन उत्पादन में आलोच्य महीने में 4.8 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि बिजली उत्पादन में दिसंबर 2020 में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल मार्च से औद्योगिक उत्पादन पर असर पड़ा। मार्च में आईआईपी में 18.7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।