प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने IDBI बैंक लिमिटेड में रणनीतिक विनिवेश और मैनेजमेंट के ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है। ये मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब करीब 5 साल बाद बैंक को मुनाफा हुआ है।
सरकार ने क्या लिया फैसला: दरअसल, सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने वाली है। भारत सरकार और एलआईसी के पास आईडीबीआई बैंक की 94 फीसदी से भी अधिक हिस्सेदारी (भारत सरकार 45.48%, एलआईसी 49.24%) है। एलआईसी ही वर्तमान में प्रबंधन नियंत्रण के साथ आईडीबीआई बैंक की प्रमोटर है और भारत सरकार इसकी सह-प्रमोटर है। हालांकि, सरकार द्वारा आईडीबीआई बैंक में कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी इसका फैसला एलआईसी, भारतीय रिजर्व बैंक के साथ विचार विमर्श के बाद ही लिया जाएगा।
एलआईसी ने लिया ये फैसला: इस बीच, एलआईसी के बोर्ड ने एक प्रस्ताव पारित किया है कि LIC, आईडीबीआई बैंक लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी विनिवेश के जरिए घटा सकती है। इसके बाद एलआईसी को मैनेजमेंट कंट्रोल को छोड़ना होगा या ट्रांसफर करना होगा। इसके साथ ही एलआईसी को इस दौरान मूल्य, बाजार आउटलुक, वैधानिक शर्तों और पॉलिसी धारकों के हितों को भी ध्यान में रखना होगा।
उम्मीद की जा रही है कि खरीदार आईडीबीआई बैंक की कारोबारी क्षमता को बढ़ाने और इसकी ग्रोथ के लिए बैंक में पैसा लगाएंगे। इसके लिए नई टेक्नोलॉजी और सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन प्रणालियों की मदद लेंगे। सरकारी हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश के जरिए आने वाली रकम का इस्तेमाल डेवलपमेंटल प्रोग्राम्स को फाइनेंस करने के लिए किया जाएगा।
मुनाफे में है बैंक: बीते दिनों आईडीबीआई बैंक ने अपने तिमाही नतीजे जारी किए थे। बैंक ने बताया था कि करीब पांच साल बाद मार्च 2021 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में मुनाफा हुआ है। बैंक ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,359 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। इससे पहले 2019-20 में बैंक को 12,887 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। आईडीबीआई बैंक के अनुसार पांच साल बाद बैंक को मुनाफा हुआ है। (ये पढ़ें— IDBI बैंक को 5 साल बाद बड़ा मुनाफा, LIC से ये है कनेक्शन)
सरकार को जुटानी है इतनी रकम: आपको बता दें कि सरकार को वित्त वर्ष 2021-22 में विनिवेश से कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने है। सरकार इसके लिए एयर इंडिया, बीपीसीएल समेत कई अहम कंपनियों या सेक्टर में अपनी हिस्सेदारी बेच रही है। इसके अलावा एलआईसी के आईपीओ के जरिए भी रकम जुटाने की योजना है। (ये पढ़ें— नई तैयारी में रामदेव की पतंजलि)