सीमेंट-स्टील की बढ़ती कीमतों से खफा नितिन गडकरी, सस्ते विकल्प तलाशने को कहा
हाल ही में नितिन गडकरी ने भी कहा था कि इन इंडस्ट्रीज में आपसी सांठगांठ है और सीमेंट फैक्ट्रियां रियल एस्टेट सेक्टर की मौजूदा स्थिति का फायदा उठा रही हैं।

देश में स्टील और सीमेंट की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ा बयान दिया है। नितिन गडकरी ने स्टील और सीमेंट का विकल्प तलाशने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि कीमतों में कमी लाई जा सके।
गडकरी ने कहा कि उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के कुछ लोगों से सीमेंट और स्टील के विकल्पों पर शोध करने के लिए कहा है। गडकरी ने कहा कि स्टील की कीमतों में पिछले छह महीनों में 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और ऐसे में सस्ता विकल्प उपलब्ध होने पर स्टील और सीमेंट की दरें घटेंगी।
नितिन गडकरी ने ये बात ऐसे समय में कही है जब देश की सीमेंट और स्टील इंडस्ट्री पर सांठगांठ के आरोप लग रहे हैं। हाल ही में नितिन गडकरी ने भी कहा था कि इन इंडस्ट्रीज में आपसी सांठगांठ है और सीमेंट फैक्ट्रियां रियल एस्टेट सेक्टर की मौजूदा स्थिति का फायदा उठा रही हैं।
गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘सीमेंट फैक्ट्रियां स्थिति का फायदा उठा रही हैं। यह राष्ट्रहित में नहीं है। हम अगले पांच साल में 111 लाख करोड़ रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लागू करने की योजना बना रहे हैं। अगर स्टील और सीमेंट के रेट ऐसे ही बने रहे तो हमारे लिए बहुत मुश्किल होगी।’
कुछ दिनों पहले रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई ने सीमेंट और स्टील के दाम को नियमन के दायरे में लाये जाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था। क्रेडाई ने प्रधानमंत्री को भेजे गये पत्र में लिखा था कि साल 2020 की शुरुआत से लेकर अब तक सीमेंट के दाम 23 प्रतिशत और इस्पात का दाम 45 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ चुका है।
पत्र में कीमत को लेकर भी जानकारी दी गई थी। इसमें कहा गया था कि जनवरी 2020 में सीमेंट के 50 किलो के कट्टे का दाम 349 रुपये था जो कि दिसंबर 2020 में बढ़कर 420- 430 रुपये तक पहुंच गया।