Maruti Suzuki loss: देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी को कोरोना काल में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। अप्रैल से जून तिमाही के दौरान कंपनी को 249 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। 2003 में कंपनी की लिस्टिंग के बाद यह पहला मौका है, जब तिमाही नतीजों में कंपनी को घाटा हुआ है। कोरोना संकट की वजह से कारों की मांग में कमी आने के चलते दुनिया भर में ही ऑटोमेकर्स को नुकसान उठाना पड़ा है। इसके अलावा भारतीय कंपनियों के लिए यह संकट और गंभीर साबित हुआ है क्योंकि देश में पहले से ही मांग में कमी देखी जा रही थी। बीते साल कंपनी को अप्रैल से जून तिमाही के दौरान ही 1436 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। इस लिहाज से देखें तो बीते साल की तुलना में इस साल कंपनी का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
कंपनी ने कहा कि अप्रैल-जून 2020 तिमाही में उसकी कुल बिक्री 3,677.5 करोड़ रुपये रही जो कि एक साल पहले की इसी तिमाही में 18,735.2 करोड़ रुपये रही थी। चालू वित्त वर्ष की इस पहली तिमाही में कंपनी ने कुल 76,599 वाहनों की बिक्री की। इसमें से 67,027 वाहन घरेलू बाजार में बेचे गए, जबकि 9,572 कारों का निर्यात किया गया। वहीं पिछले साल इसी तिमाही की यदि बात की जाए तो कंपनी ने कुल 4,02,594 वाहन बेचे थे। कंपनी ने कहा, ‘वैश्विक महामारी कोविड- 19 के चलते कंपनी के इतिहास की यह अप्रत्याशित तिमाही रही। सरकार द्वारा लागू ‘लॉकडाउन’ का पालन करते हुये इस तिमाही के बड़े हिस्से में कंपनी के कारखानों में न तो कोई उत्पादन हुआ और न ही कोई बिक्री हुई।’
मारुति सुजुकी ने कहा कि मई में फैक्ट्रियों में मामूली स्तर पर उत्पादन और बिक्री का काम शुरू हो पाया। कंपनी ने कहा कि उसकी पहली प्राथमिकता उसके कर्मचारियों, उसके ग्राहकों सहित समूची मूल्य श्रृंखला में उसके सहयोगियों की स्वास्थ्य, सुरक्षा और बेहतरी है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी ने कहा कि पूरी सावधानी के साथ कामकाज किया जा रहा है और बीती पूरी तिमाही में सिर्फ दो सप्ताह के बराबर ही काम हो पाया है। कंपनी ने कहा कि उत्पादन और सेल ठप होने के चलते ही कंपनी को तिमाही नतीजों में निराशाजनक प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है।