दुनिया के करेंसी मार्किट में इस समय उथल- पुथल चल रही है। डॉलर के साथ कुछ चंद गिनी- चुनी करेंसियों को छोड़ दिया जाए तो सभी की कीमत में गिरावट आई है, जिसे देखते हुए लंदन की एक फाइनेंसियल कंपनी ने अपने कर्मचारियों को गोल्ड में सैलरी देने का फैसला किया है। कंपनी के सीईओ का कहना है कि जब हर दिन देश की मुद्रा कीमत तेजी से नीचे जा रही हो तो कर्मचारियों को सपोर्ट करने का यही सबसे सही तरीका है।
जानकारी के अनुसार, लंदन की टैलीमनी ने अपने सभी कर्मचारियों को पौंड (ब्रिटेन की मुद्रा) की जगह गोल्ड में देने का फैसला किया है। कंपनी ने फिलहाल इसे ट्रायल प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया है।
एक स्थानीय मीडिया ‘सिटी एएम’ से बातचीत कंपनी के सीईओ कैमरून पैरी ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि गोल्ड महंगाई के खिलाफ एक कारागार विकल्प है। जब परंपरागत मुद्रा की कीमत गिरती जाती है। तब गोल्ड की कीमत बढ़ती है, जिस कारण यह लोगों को महंगाई से एक कदम आगे रहने का मौका देता है।
आगे पैरी ने कहा कि देश में तेजी से सभी चीजों की लागत बढ़ रही है। रहना-खाना भी महंगा होता जा रहा है। ऐसे में सैलरी बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है। उनका मानना है कि ऐसी परिस्थिति में कैश में सैलरी देना सही नहीं है जब देश की मुद्रा की कीमत हर दिन तेजी से गिर रही हो। अंत में उन्होंने कहा कि बड़े घाव पर मरहमपट्टी की जरुरत होती है, वहां सिर्फ बैंड-एड लगाकर काम नहीं चलाया जा सकता है।
टैलीमनी कंपनी में 20 कर्मचारी है। इस स्कीम की शुरुआत के पहले चरण में कंपनी के बड़े अधिकारियों को गोल्ड में सैलरी देकर की जाएगी। उसके बाद इसे कंपनी के सभी कर्मचारियों के लिए लागू किया जाएगा।
गोल्ड में सैलरी देने का मतलब यह नहीं है कि कर्मचारियों को वाकई में गोल्ड दिया जायगा। कर्मचारी अपनी जरुरत के मुताबिक मौजूदा एक्सचेंज रेट के हिसाब से कैश की निकासी कर सकेगा।