देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी क्या खाना पसंद करते हैं? किसी भी आम व्यक्ति के मन में यह सवाल उठता ही होगा। मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी ने एक बार इसका जवाब देते हुए बताया था कि उन्हें सबसे ज्यादा इडली सांभर और बाजरे की रोटी खाना पसंद है। हिंदुस्तान टाइम्स को मार्च, 2013 में दिए एक इंटरव्यू में नीता अंबानी ने कुकिंग के सवाल को लेकर कहा था कि जब भी वह फुर्सत होती हैं तो खुद से खाना बना पसंद करती हैं। उन्होंने कहा था, ‘जब भी समय मिलता है, मैं खाना बनाती हूं। लेकिन मेरी बेटी ईशा अंबानी मुझसे ज्यादा अच्छी कुक है।’ यही नहीं पति मुकेश अंबानी के साथ अपनी केमिस्ट्री को लेकर उन्होंने कहा था कि वह हमेशा प्रेरणा देते हैं और किसी भी प्रोजेक्ट में साथ खड़े रहते हैं।
नीता अंबानी कहती हैं कि मुकेश अंबानी और उनके बीच अच्छे पार्टनर्स की तरह शानदार बॉन्डिंग है और दोनों एक दूसरे के विचारों का सम्मान करते हैं। नीता अंबानी कहती हैं, ‘हमारे लिए सभी सपने साझा हैं। यह हमारे परिवार के सपने हैं। हमारे सपनों से बच्चे भी प्रभावित होते हैं। हम उन्हें हमेशा इसी दिशा में ले जाना चाहेंगे।’ हालांकि कारोबार में मुकेश अंबानी को सलाह देने की बात पर वह कहती हैं, ‘मैं नहीं समझती कि मैं इस योग्य हूं कि मुकेश अंबानी को सलाह दे सकूं। हमारी जिंदगी के अनुभवों ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। शायद सालों में जो उनसे सीखा है, वही मैं उन्हें कुछ हद लौटा सकती हूं।’
पसंद है मुकेश अंबानी की सादगी: नीता अंबानी के मुताबिक उन्हें मुकेश अंबानी की सादगी बेहद पसंद है। वह कहती हैं कि मुकेश अंबानी की सबसे अच्छी चीज है कि वह बेहद सिंपल रहना पसंद करते हैं और उनका विजन सिर्फ रिलायंस के लिए ही नहीं है बल्कि पूरे भारत के लिए है। वह पैदाइशी आशावादी हैं। अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए नीता अंबानी ने इंटरव्यू में कहा था कि मैं 11 बहनों के बीच पैदा हुई थी। ममता उनकी सगी बहन हैं, जबकि उनकी 9 चचेरी बहनें थीं।
याद आते हैं पुराने दिन: नीता अंबानी कहती हैं कि हम एक जॉइंट फैमिली में पले-बढ़े थे। हम सभी का यकीन शिक्षा की ताकत में था और महिलाओं की समानता और सशक्तीकरण हमेशा ध्यान में रहता था। वह कहती हैं, ‘मैं अब भी कई बार जब सांताक्रूज स्थित अपने पैतृक आवास जाती हूं तो पुरानी यादें तैरने लगती हैं। मुझे अपने उन पुराने दिनों पर गर्व है, जिन्होंने ऐसी नींव डाली, जिससे आज भी प्रेरणा मिलती है।’