सीतारमण ने कहा कि हमारे युवाओं को सशक्त बनाने और अमृत पीढ़ी के सपने साकार करने में मदद करने के लिए, हमने कौशल वर्द्धन पर केंद्रित राष्ट्रीय शिक्षा नीति निरूपित की है, बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन में सहायक आर्थिक नीतियां अपनाई हैं और व्यवसाय के अवसरों का समर्थन किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस बजट में शिक्षा मंत्रालय के लिए कुल 112899.47 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में एआइ के लिए तीन उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रमुख उद्योग घराने अंत:विषय अनुसंधान करने, अत्याधुनिक अनुप्रयोगों को विकसित करने और कृषि, स्वास्थ्य, टिकाऊ शहरों के क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान में भागीदार होंगे। सीतारमण ने कहा कि 5-जी सेवाओं का उपयोग कर अनुप्रयोगों को विकसित करने के लिए विभिन्न प्राधिकरणों, नियामकों, बैंकों और अन्य व्यवसायों के सहयोग से इंजीनियरिंग संस्थानों में कुल 100 प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि अवसरों की नई श्रृंखला, व्यापार माडल और रोजगार क्षमता के लिए, प्रयोगशालाएं अन्य बातों के साथ-साथ ‘स्मार्ट क्लासरूम’, सटीक खेती, कुशल परिवहन प्रणाली और स्वास्थ्य देखभाल जैसे अनुप्रयोगों को कवर करेंगी। मंत्री ने शिक्षक प्रशिक्षण पर जोर दिया और कहा कि नवोन्मेषी शिक्षा विज्ञान, पाठ्यचर्या संव्यवहार, सतत पेशेवर विकास और आइसीसी कार्यान्वयन के माध्यम से शिक्षकों का प्रशिक्षण किया जाएगा।
इस उद्देश्य के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को जीवंत उत्कृष्ट संस्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा। मंत्री ने बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना की घोषणा की ताकि उन्हें गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें, अलग-अलग इलाकों, भाषाओं, विषयों और स्तरों में विभिन्न उपकरणों के माध्यम से उपलब्ध कराई जा सकें।
राज्यों को उनके लिए पंचायत तथा वार्ड स्तरों पर प्रत्यक्ष पुस्तकालय स्थापित करने और राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय संसाधनों तक पहुंच बनाने के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। तीन सालों में 740 माडल आवासीय एकलव्य स्कूलों में 38,800 शिक्षकों और अन्य कर्मियों की भर्ती की जाएगी जिसका 3.5 लाख जनजातीय विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
मंत्री ने बताया कि पढ़ने की संस्कृति को बढ़ाना देने के लिए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, बाल पुस्तक न्यास तथा अन्य स्रोतों को इन प्रत्यक्ष पुस्तकालयों में क्षेत्रीय भाषाओं तथा अंग्रेजी में पाठ्येतर विषयों की पुस्तकें उपलब्ध कराने और उनकी पुन:पूर्ति करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।